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पूर्व CM त्रिवेंद्र रावत ने सरकार के नेतृत्व में बदलाव की चर्चा को भी बताया हवा-हवाई

At least in Uttarakhand, it is almost impossible to know who will give what statement at what turn.

 पूर्व CM त्रिवेंद्र रावत ने सरकार के नेतृत्व में बदलाव की चर्चा को भी बताया हवा-हवाई :- सियासत में कब कौन का खिलाडी कैसा माहौल बना दे ये अनुमान बड़े बड़े ज्योतिष भी नहीं लगा सकते हैं।

उत्तराखंड में तो कम से कम लगभग असंभव है कि कौन सा किस मोड़ पर क्या बयान दे देगा। अब आजकल रावत बनाम रावत चल रही है  बीच में राज्य सरकार भी आ गयी है क्योंकि बात अब उत्तराखंड में सख्त सुधार की की जा रही है वो भी कद्दावर भाजपा लीडर और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र द्वारा .. क्या नया गुल खिलेगा कहना मुश्किल है लेकिन लोगों को अचानक मज़ा ज़रूर आने लगा है।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य की मौजूदा स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि राज्य में सुधार की सख्त जरूरत है और मौजूदा सरकार से यह अपील की कि बीजेपी की छवि को किसी भी हाल में धूमिल नहीं होने देना चाहिए।

त्रिवेंद्र ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी लोग पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे, उन्हें हम बार-बार सचेत करेंगे, क्योंकि यह हमारा कर्तव्य है।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य में पुलिस कुछ मामलों में 8 महीने से और कुछ में दो महीने से प्राथमिक रिपोर्ट तक नहीं दर्ज कर रही है, जो कि गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जनता ने बीजेपी को विश्वास करके 47 विधायक और 5 सांसद चुने हैं, इसलिए पार्टी को हर हाल में जनता का विश्वास बनाए रखना होगा।

कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के आरोपों पर त्रिवेंद्र ने कहा कि हरक सिंह रावत पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “वह खुद नहीं जानते कि कब क्या बोलेंगे। वह अपने जीवन के संक्रमण काल से गुजर रहे हैं और कभी-कभी बेतुकी बातें करते हैं।”

बीजेपी को 30 करोड़ रुपये के चंदे के आरोप पर त्रिवेंद्र ने स्पष्ट किया कि पार्टी को 27 करोड़ रुपये का चंदा पारदर्शिता से बैंक के माध्यम से मिला है और हर एक रुपये का हिसाब मौजूद है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक दलों को चंदा मिलता है, और इसमें कुछ गलत नहीं है, बशर्ते वह पारदर्शिता के साथ मिले।

राज्य में खनन के भ्रष्टाचार पर त्रिवेंद्र ने कहा कि खनन कानून के तहत होना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “अगर हम तालाब से पानी लेते हैं तो हमें केवल इतना पानी लेना चाहिए जितना जरूरी हो, तालाब को खाली नहीं करना चाहिए। ठीक वैसे ही खनन होना चाहिए, लेकिन मर्यादाओं के भीतर।”

गैरसैण में हुए मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के नकारात्मक रवैये पर त्रिवेंद्र ने कहा कि विरोध करना विपक्ष का अधिकार है, लेकिन यह विरोध नियमों और मर्यादाओं के दायरे में होना चाहिए।

उन्होंने कहा, “अगर बीजेपी के शासन में कांग्रेस अमर्यादित तरीके से व्यवहार करती है, तो क्या यह कांग्रेस को अच्छा लगेगा?”अंत में त्रिवेंद्र ने कहा कि यदि हम जनता द्वारा दिए गए दायित्व को ठीक से निभाते हैं, तो लोग हमें उचित तरीके से आंकेंगे। अगर हम अपने कर्तव्यों से पीछे हटेंगे तो जनता खुद हमें जिम्मेदार ठहराएगी।

Leena Kumari

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