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John Abraham ने नेपाल सरकार से की मांग

Bollywood actor John Abraham, who is not only known for his films but also for his social work.

बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम (John Abraham), जो न केवल अपनी फिल्मों बल्कि अपने सामाजिक कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं, एक बार फिर से जानवरों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सक्रिय हो गए हैं। हाल ही में जॉन ने नेपाल सरकार को पत्र लिखकर वहां होने वाले चितवन हाथी महोत्सव (Chitwan Elephant Festival) को रद्द करने की अपील की है। उनका कहना है कि इस महोत्सव के दौरान हाथियों के साथ जो बर्बरता होती है, वह मानवता के खिलाफ है।

जॉन अब्राहम, जो खुद एक बड़े पशु प्रेमी हैं और पेटा (PETA) संगठन से जुड़े हुए हैं, हमेशा जानवरों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी आवाज उठाते रहे हैं। उनका मानना है कि जानवरों के साथ बुरा व्यवहार सिर्फ उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए शर्म की बात है।

जॉन अब्राहम ने नेपाल के संस्कृति मंत्रालय को पत्र लिखकर मांग की है कि चितवन हाथी महोत्सव को तुरंत बंद किया जाए। इस महोत्सव में हाथियों को क्रूर गतिविधियों में शामिल किया जाता है, जैसे रेसिंग, सवारी, पोलो और फुटबॉल खेलना। इसके अलावा, इन हाथियों पर नुकीले हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है, जो उनके लिए बेहद पीड़ादायक होते हैं। जॉन ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि इस तरह के आयोजनों को नैतिक वन्यजीव पर्यटन से बदलना चाहिए, जिससे नेपाल की प्रतिष्ठा एक इको-टूरिज्म के वैश्विक नेता के रूप में बढ़ेगी।

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उन्होंने यह भी बताया कि कई बार इन हाथियों को सवारी करने के लिए मजबूर किया जाता है, जबकि वे पूरी तरह से थक चुके होते हैं। इसके अलावा, जब ये हाथी महोत्सव में प्रदर्शन नहीं कर रहे होते, तो उन्हें पर्यटकों को सवारी देने के लिए भी मजबूर किया जाता है। जॉन ने सरकार से अनुरोध किया कि इस प्रकार के अमानवीय और अत्याचारी आयोजनों को पूरी तरह से बंद किया जाए।

जॉन अब्राहम ने अपने पत्र में लिखा कि वह नेपाल को अपने दिल के करीब मानते हैं और उन्होंने यह अपील किसी अभिनेता या पशु अधिकार कार्यकर्ता के रूप में नहीं, बल्कि एक सामान्य व्यक्ति के रूप में की है। उन्होंने कहा, “नेपाल की सुंदरता को हम सभी सराहते हैं, लेकिन जिस तरह से हाथियों के साथ व्यवहार किया जाता है, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है। मुझे विश्वास है कि नेपाल एक जिम्मेदार और जागरूक राष्ट्र है, और यह कदम उठाकर इसे दुनिया में सम्मान मिलेगा।”

 

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