हेमकुंड साहिब यात्रा: श्रद्धालुओं की आस्था बनी प्रशासन की परीक्षा
Now only 17 days are left for the opening of the doors of Hemkund Sahib, one of the holy pilgrimage sites of Uttarakhand.

हेमकुंड साहिब यात्रा, श्रद्धालुओं की आस्था बनी प्रशासन की परीक्षा : उत्तराखंड के पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने में अब केवल 17 दिन बचे हैं, लेकिन यात्रा मार्ग की व्यवस्थाएं अभी भी अधूरी और चिंताजनक स्थिति में हैं। पुलना से लेकर घांघरिया तक न तो बिजली की व्यवस्था सुचारु हुई है और न ही पानी और संचार सुविधाएं पूरी तरह बहाल हो पाई हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
पुल निर्माण बना यात्रा की सबसे बड़ी बाधा
गोविंदघाट में अलकनंदा नदी पर बनाए जा रहे 48 मीटर लंबे बैली ब्रिज का निर्माण कार्य दो माह पूर्व शुरू किया गया था, लेकिन अब तक केवल इसका ढांचा ही खड़ा हो पाया है। यह पुल पुलना और घांघरिया के बीच संपर्क का अहम हिस्सा है। इसकी देरी से न केवल पैदल मार्ग बाधित है, बल्कि जरूरी सामग्री और राहत-सामग्री भी आगे नहीं पहुंच पा रही है।
बिजली और पानी की व्यवस्था चरमराई
हेमकुंड साहिब की यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालु आते हैं, और उनके लिए बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं अनिवार्य हैं। लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि पुलना से घांघरिया तक न तो बिजली सप्लाई चालू हो सकी है और न ही पीने के साफ पानी की व्यवस्था हो पाई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, अगर आने वाले कुछ दिनों में यह व्यवस्थाएं सुचारु नहीं हुईं, तो यात्रा के दौरान कई तरह की समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।
संचार सुविधा भी बनी चुनौती
संचार व्यवस्था भी इस मार्ग पर बाधित है। आपात स्थिति में न तो यात्रियों की आवाजाही की जानकारी दी जा सकेगी और न ही दुर्घटनाओं या बीमारियों की सूचना समय पर मिल पाएगी। मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी से राहत कार्यों में भी देरी हो सकती है।
स्थानीय प्रशासन पर उठ रहे सवाल
यात्रा की तैयारियों को लेकर स्थानीय लोगों और तीर्थ यात्रियों ने प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। लोगों का कहना है कि हर वर्ष हेमकुंड साहिब यात्रा की तिथियां तय रहती हैं, ऐसे में समय रहते तैयारी क्यों नहीं की जाती? अब जबकि केवल दो सप्ताह से भी कम का समय बचा है, तो व्यवस्थाएं अधूरी होना प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।
सरकार ने दिया भरोसा, जल्द पूरी होंगी तैयारियां
वहीं, प्रशासन की ओर से दावा किया गया है कि सभी विभागों को निर्देशित किया जा चुका है और आगामी 10 दिनों में सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएंगी। बिजली विभाग, जल निगम और लोक निर्माण विभाग को अलग-अलग ज़िम्मेदारियां सौंपी गई हैं। प्रशासन का कहना है कि यात्रा की शुरुआत से पहले सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएंगी।