भारत पर आज से 50 प्रतिशत टैरिफ लागू
The top exported products from India to the US include jewellery, textiles, auto parts and marine products.

भारत पर आज से 50 प्रतिशत टैरिफ लागू :- अमेरिका ने भारत से निर्यात होने वाले कुछ उत्पादों पर अतिरिक्त 25% आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. यह नया शुल्क 27 अगस्त को भारतीय समयानुसार सुबह 9:31 बजे से प्रभावी हो जाएगा. इस फैसले से अब भारत के कई प्रमुख उद्योगों पर कुल 50% तक का शुल्क लग जाएगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था, व्यापारिक संतुलन और रोजगार पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध पहले से ही तनावपूर्ण बने हुए हैं. अमेरिका के पूर् राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर प्रतिरोधात्मक कार्रवाई का ऐलान किया था और इसके एक दिन बाद ही 25% टैरिफ पहले ही लागू कर दिया गया था. अब इस अतिरिक्त शुल्क के साथ, अमेरिका को होने वाला भारतीय निर्यात कई गुना महंगा हो जाएगा।
क्या है नया आदेश और इसका दायरा
अमेरिकी प्रशासन द्वारा जारी आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि यह अतिरिक्त शुल्क भारत से आने वाले उन उत्पादों पर लगाया जाएगा जो या तो अमेरिका में उपभोग के लिए लाए जा रहे हैं या किसी भी रूप में उपयोग में लाए जाने वाले हैं।
यह आदेश उन भारतीय कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है जो वर्षों से अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं।
किन सेक्टर्स पर पड़ेगा सीधा असर
1. गहने, वस्त्र और ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर सीधी मार :- भारत से अमेरिका को सबसे अधिक निर्यात होने वाले उत्पादों में गहने, वस्त्र, ऑटो पार्ट्स और समुद्री उत्पाद शामिल हैं. इन पर अब कुल 50% टैक्स लगेगा जिससे:
इन उत्पादों की अमेरिकी बाजार में कीमतें बढ़ जाएंगी.
अमेरिकी आयातक इनकी मांग कम कर सकते हैं.
भारतीय कंपनियों के ऑर्डर में गिरावट आ सकती है.
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द कोई व्यापारिक समझौता नहीं होता है, तो 48 अरब डॉलर तक का निर्यात सीधे प्रभावित हो सकता है।
2. आईटी और फार्मा फिलहाल सुरक्षित :- वहीं, आईटी सेवाएं, फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टरों पर इस टैरिफ का तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा. कारण:
आईटी क्षेत्र सेवाओं पर आधारित है, जिन पर यह टैरिफ लागू नहीं होता.
फार्मा उत्पादों पर अभी 0% ड्यूटी है, हालांकि भविष्य में इसमें वृद्धि की धमकी दी गई है.
इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद सेक्शन 232 के तहत फिलहाल छूट के दायरे में हैं.
आम आदमी पर क्या होगा असर?
रोजगार पर खतरा
भारत के कई मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स अमेरिकी बाजार से प्राप्त ऑर्डर्स पर निर्भर हैं. 50% शुल्क लगने से ऑर्डर्स में कमी आएगी, जिससे कंपनियों को प्रोडक्शन घटाना पड़ सकता है. इसका परिणाम:
कर्मचारियों की छंटनी.
नई भर्तियों पर रोक.
वर्कर्स की आय में कटौती.
उपभोक्ताओं के लिए भी असर.
अगर कंपनियां घरेलू मांग की भरपाई के लिए अधिक उत्पादन रोक देती हैं, तो उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं. वहीं, निर्यात कम होने से मुद्रा विनिमय में भी गिरावट आ सकती है, जिसका असर महंगाई पर भी दिखेगा।