उत्तराखंड की 150 साल पुरानी हल्द्वानी रामलीला, नजारा होगा दिव्य
The 150 year old Haldwani Ramlila is known for its uniqueness and grandeur.
हल्द्वानी: उत्तराखंड की 150 साल पुरानी हल्द्वानी रामलीला अपनी अद्वितीयता और भव्यता के लिए जानी जाती है। यह एकमात्र ऐसी रामलीला है जिसका मंचन दिन में होता है, और इस बार इसका आयोजन कुछ विशेष रूप से दिव्य होगा। रामलीला का मंचन इस बार अयोध्या नगरी की सजावट के साथ किया जाएगा, जिससे दर्शकों को एक अद्भुत अनुभव प्राप्त होगा। प्रभु श्रीराम की महिमा और उनके अलौकिक लीलाओं का मंचन हर साल लाखों लोगों को आकर्षित करता है। कुमाऊं की यह रामलीला न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। 150 वर्षों से यह परंपरा जीवित है, और हर साल इस आयोजन का इंतजार करते हैं लोग।
इस बार के आयोजन की विशेषता यह है कि मंचन परिसर को अयोध्या नगरी जैसा सजाया जाएगा। बहेड़ी से आए कारीगर मैदान में भव्य ढांचे को तैयार करने में जुटे हुए हैं। इन कारीगरों ने पूरी मेहनत और निष्ठा के साथ इस आयोजन के लिए काम किया है, ताकि दर्शकों को एक अनूठा अनुभव मिल सके। हल्द्वानी रामलीला के प्रति लोगों का उत्साह हमेशा अद्वितीय रहा है। दिन के समय मंचन होने के कारण, परिवार के सभी सदस्य एक साथ आकर इस धार्मिक उत्सव का आनंद ले सकते हैं। रामलीला के दौरान, कलाकार भव्य संरचना के दायरे में अभिनय करते हैं, जो दर्शकों के लिए एक जादुई अनुभव बन जाता है।
हल्द्वानी की रामलीला सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और सामाजिक एकता का प्रतीक है। इस साल के आयोजन में अयोध्या की सजावट और भव्यता इसे और भी खास बना देगी। सभी राम भक्तों और संस्कृति प्रेमियों को इस अद्भुत आयोजन का हिस्सा बनने का इंतजार है, जो कि न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति को भी जीवित रखेगा।