उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों की 48 घंटे की हड़ताल
A 48-hour strike has been announced to demand regularization of employees.
उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों ने निजी बसों को परमिट देने और विशेष श्रेणी एवं संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग को लेकर 48 घंटे की हड़ताल का ऐलान किया है। यह हड़ताल बुधवार से शुरू होकर गुरुवार रात 12 बजे तक चलेगी, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेशभर में बसों का परिचालन ठप हो जाएगा। यात्रियों को इस दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
उत्तराखंड परिवहन निगम की हड़ताल का कारण सरकारी स्तर पर निजी बसों को परमिट दिए जाने का विरोध और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग है। इस मुद्दे पर शासन से दो दौर की वार्ता विफल हो चुकी है, जिसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल का निर्णय लिया। हड़ताल का असर मंगलवार रात 8 बजे से ही दिखने लगा, जब लंबी दूरी की बसों के चालक-परिचालक ड्यूटी पर नहीं आए। इसके परिणामस्वरूप लगभग 200 बसों के फेरे स्थगित कर दिए गए। इससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने स्थिति को देखते हुए अपनी बसों की संख्या और फेरे बढ़ा दिए हैं, ताकि यात्रियों को राहत मिल सके।
कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने दीपावली के बाद 5 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का भी ऐलान किया है। त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए परिवहन सचिव बृजेश कुमार संत ने सोमवार को मोर्चा के पदाधिकारियों से बातचीत की, लेकिन वार्ता विफल रही। मंगलवार को राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव ने फिर से वार्ता की, लेकिन बातचीत में कोई समाधान नहीं निकल सका।