उत्तराखंड में UCC लागू, लिव इन का पहला पंजीकरण हुआ
After the implementation of the Uniform Civil Code (UCC) in Uttarakhand, several legal changes have occurred in the state.

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद राज्य में कई कानूनी बदलाव हुए हैं। इसी कड़ी में लिव इन रिलेशनशिप का पहला पंजीकरण हुआ है। इसके साथ ही विवाह, विवाह विच्छेद और लिव इन पंजीकरण की प्रक्रिया भी अनिवार्य कर दी गई है, ताकि नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों का स्पष्ट ज्ञान हो सके।
समान नागरिक संहिता के तहत, लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता दी गई है और इसके पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार ने एक पोर्टल भी शुरू किया है, जिस पर लिव इन पंजीकरण, विवाह पंजीकरण, वसीयत, तलाक और लिव इन विच्छेद जैसे मामलों की जानकारी साझा की जाती है।
लिव इन पंजीकरण का पहला मामला
समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद उत्तराखंड में लिव इन का पहला पंजीकरण हुआ है। हालांकि, नियमों के अनुसार, पंजीकरण से संबंधित सभी जानकारी तब तक सार्वजनिक नहीं की जाएगी जब तक संबंधित पक्ष इसकी अनुमति नहीं देते। पोर्टल पर इस पंजीकरण का केवल संख्या के रूप में उल्लेख किया गया है। इससे पहले विवाह पंजीकरण की संख्या 359 थी और वसीयत पंजीकरण के दो मामले दर्ज हुए थे।
लिव इन पंजीकरण के नियम
समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत लिव इन के पंजीकरण के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं। यदि कोई जोड़ा पहले से लिव इन में रह रहा है, तो उन्हें संहिता लागू होने के एक महीने के भीतर इसकी जानकारी संबंधित रजिस्ट्रार को देनी होगी। नए जोड़े को लिव इन रिलेशनशिप में आने के बाद एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा।
पंजीकरण के लिए रजिस्ट्रार के पास आवेदन किया जाएगा, जो विभिन्न स्तरों पर कार्यरत होंगे जैसे ग्रामीण, नगर पंचायत, नगर पालिका, निगम और कैंट बोर्ड। रजिस्ट्रार को आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर कार्रवाई करनी होगी, अन्यथा मामला रजिस्ट्रार जनरल के पास जाएगा।
लिव इन समाप्ति के नियम
यदि लिव इन रिलेशनशिप समाप्त होती है, तो दोनों साथी ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से रजिस्ट्रार से संपर्क कर सकते हैं। यदि एक साथी अकेले आवेदन करता है, तो दूसरे साथी की पुष्टि की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, यदि लिव इन से महिला गर्भवती होती है, तो रजिस्ट्रार को इसकी सूचना देनी होगी। बच्चे के जन्म के 30 दिनों के भीतर इसे पोर्टल पर अपडेट करना अनिवार्य होगा।