बारिश बनी वरदान! उत्तराखंड में बिजली उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर, गर्मी ने बढ़ाई डिमांड
The continuous rain in Uttarakhand for the last few days has brought coolness to the weather

बारिश बनी वरदान! उत्तराखंड में बिजली उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर, गर्मी ने बढ़ाई डिमांड : उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जहां मौसम को ठंडक प्रदान की है, वहीं राज्य के बिजली उत्पादन में भी बड़ा इजाफा हुआ है। जलविद्युत उत्पादन के लिए प्रसिद्ध उत्तराखंड में बारिश और ग्लेशियरों के पिघलने से हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट्स को भरपूर जल उपलब्ध हो रहा है, जिससे बिजली उत्पादन 1.6 करोड़ यूनिट के पार पहुंच गया है। ऊर्जा उत्पादन में इस बढ़ोतरी से राज्य की बिजली आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से पूरा किया जा रहा है।
यूजेवीएनएल (उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड) के अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे बारिश का दौर आगे बढ़ेगा और ग्लेशियरों से जल प्रवाह बढ़ेगा, बिजली उत्पादन दो करोड़ यूनिट से अधिक हो सकता है। यह स्थिति राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को और मजबूत बनाएगी।
दूसरी ओर, गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की मांग में भी इजाफा देखा जा रहा है। पिछले तीन दिनों में बिजली की मांग में निरंतर वृद्धि हुई है। 11 मई को जहां यह आंकड़ा 4.4 करोड़ यूनिट था, वहीं 12 मई को यह बढ़कर 4.8 करोड़ और 13 मई को 5 करोड़ यूनिट तक पहुंच गया। हालांकि, यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) ने स्पष्ट किया है कि मांग के अनुसार पूरी बिजली उपलब्ध है और किसी भी क्षेत्र में न तो घोषित और न ही अघोषित कटौती की जा रही है।
विगत वर्ष की तुलना में इस बार बिजली की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है। पिछले साल मई महीने में बिजली की मांग 6.2 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई थी, जबकि इस बार अभी तक यह मांग 5 करोड़ यूनिट के आसपास है। इससे यह संकेत मिलता है कि इस वर्ष ऊर्जा आपूर्ति और मांग के बीच संतुलन बेहतर बना हुआ है।
राज्य में जलविद्युत संसाधनों का बेहतर उपयोग और मौसम की अनुकूलता ने इस बार उत्तराखंड को ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में मजबूती प्रदान की है। अगर यही स्थिति बनी रही तो उत्तराखंड बिजली सरप्लस राज्य बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर हो सकता है।