देहरादून में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए परिवहन विभाग का नया कदम
The transport department has now decided to re-establish the maximum speed limit for vehicles on the main roads.
देहरादून शहर में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और सड़कों के चौड़ीकरण को देखते हुए, परिवहन विभाग ने अब मुख्य मार्गों पर वाहनों की अधिकतम गति-सीमा को दोबारा निर्धारित करने का निर्णय लिया है। यह कदम शहर में सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने और दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
अभी तक कई प्रमुख मार्गों और बाईपास पर कारों की गति-सीमा 30 किमी प्रति घंटा तय की गई है, जो अब सवालों के घेरे में आ गई है। विशेष रूप से उन मार्गों पर, जहां सड़कों का चौड़ीकरण किया जा चुका है और सड़कें अधिक सुरक्षित हो चुकी हैं, वहां यह गति-सीमा बेहद कम प्रतीत हो रही है। नागरिकों का कहना है कि जब सड़कों का विकास किया जा रहा है, तो गति-सीमा को भी उचित रूप से बढ़ाना चाहिए, ताकि लोग अपनी यात्रा को समय पर और सुरक्षित रूप से पूरी कर सकें।
कुछ मार्गों पर गति-सीमा अत्यधिक होने के कारण दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। इसके बावजूद, पुराने और संकरी सड़कों पर यह गति-सीमा सुरक्षा की दृष्टि से अनिवार्य हो सकती है। ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि गति-सीमा के निर्धारण में सड़कों के आकार, ट्रैफिक दबाव और दुर्घटनाओं के आंकड़ों को ध्यान में रखा जाए।
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परिवहन विभाग ने इस बार एक नई रणनीति अपनाने का निर्णय लिया है। विभाग तीन प्रमुख समयों—सुबह, दोपहर और शाम—में सड़क पर वाहनों का दबाव और औसत गति का वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन करेगा। इस अध्ययन से यह पता लगाया जाएगा कि किस समय पर और किन मार्गों पर वाहनों की गति और दबाव में बदलाव हो रहा है, ताकि गति-सीमा को और अधिक वैज्ञानिक तरीके से निर्धारित किया जा सके।
यह अध्ययन सड़क पर वाहनों की गति, यातायात की घनता, और दुर्घटनाओं के आंकड़ों का विश्लेषण करेगा। विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जहां सड़क चौड़ी और सुरक्षित हैं, वहां गति-सीमा को बढ़ाया जाए और जहां सड़कों की स्थिति ठीक नहीं है या यातायात का दबाव अधिक है, वहां गति-सीमा को घटाया जाए।