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तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी मिलने पर संत समाज आक्रोश में

The incident of adding animal fat to the laddus served as prasad at the Tirupati Balaji Temple has caused significant outrage in the Hindu saint community.

तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के लड्डुओं में पशु चर्बी मिलाए  जाने की घटना ने हिंदू संत समाज में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। इस मामले को लेकर संतों ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की आवाज उठाई है। भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी ने कहा कि भगवान के प्रसाद में पशु चर्बी मिलाने से करोड़ों हिंदुओं की आस्था को गहरा धक्का लगा है। स्वामी ललितानंद गिरी ने इस मामले पर बोलते हुए कहा, “यह केवल एक खाद्य सामग्री की मिलावट नहीं है, बल्कि यह करोड़ों भक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के घिनौने कार्य को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

तिरुपति बालाजी मंदिर, जो कि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, वहां से प्रसाद ग्रहण करना भक्तों के लिए एक पवित्र अनुभव होता है। ऐसे में यदि प्रसाद में मिलावट की जाती है, तो यह न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है, बल्कि आस्था को भी कमजोर करता है। संत समाज ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। संतों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घनाएं सामाजिक समरसता को भी प्रभावित कर सकती हैं और समाज में धार्मिक असंतोष पैदा कर सकती हैं।

इस घटना ने केवल तिरुपति बालाजी मंदिर की पवित्रता को नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समाज की भावनाओं को भी आहत किया है। अब यह आवश्यक है कि सरकार और मंदिर प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लें और उचित कदम उठाएं ताकि भक्तों की आस्था को सुरक्षित रखा जा सके। संत समाज की मांग पर ध्यान देना और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करना समय की आवश्यकता है।

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