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समान नागरिक संहिता, उत्तराधिकार में बड़ा बदलाव

If a child dies, their parents can also become shareholders in their movable and immovable property.

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लागू होने के बाद भारतीय समाज में उत्तराधिकार के संबंध में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेगा। इस नई संहिता के तहत, यदि संतान की मृत्यु होती है, तो उसके माता-पिता भी उसकी चल और अचल संपत्ति में हिस्सेदार बन सकेंगे। वर्तमान में, पति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा पत्नी को मिलता है, जिससे माता-पिता अक्सर बेसहारा रह जाते हैं। यूसीसी के लागू होने से इस विसंगति को समाप्त किया जाएगा, जो एक सकारात्मक कदम है।

हाल ही में, समान नागरिक संहिता की नियमावली का ड्राफ्ट अंग्रेजी में सरकार को सौंपा गया है। इसे विधि और न्याय विभाग के समक्ष तकनीकी समीक्षा के लिए भेजा जाएगा। सरकार जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक करके इस नियमावली को प्रभावी तौर पर लागू करने की तैयारियों और तिथि की घोषणा कर सकती है। यह कदम समाज के विभिन्न वर्गों के लिए एक नया आशा का संचार करेगा।

यूसीसी के तहत, सभी पति-पत्नी को विवाह का पंजीकरण कराने के लिए छह माह का समय दिया जाएगा, जिन्होंने कानून लागू होने से पहले शादी की। इसके बाद, नए विवाह करने वाले जोड़ों को तीन महीने का समय मिलेगा।

 

 

 

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