Delhi Pollution के कारण उत्तराखंड की पुरानी डीजल बसों पर प्रतिबंध
In view of the rising pollution level in Delhi, the Uttarakhand government has banned its old diesel buses.

Delhi Pollution: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने अपनी पुरानी डीजल बसों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके कारण, दिल्ली आने-जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उत्तराखंड परिवहन निगम ने दिल्ली तक इन बसों को चलाने की तैयारी की थी, लेकिन उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने कौशांबी डिपो में इन बसों को जगह देने से इनकार कर दिया है, जिससे उत्तराखंड की पुरानी बसें दिल्ली सीमा तक नहीं जा पाएंगी।
उत्तराखंड परिवहन निगम ने दिल्ली सीमा तक पुरानी डीजल बसों को चलाने की योजना बनाई थी, ताकि यात्रियों को अधिक परेशानी का सामना न करना पड़े। हालांकि, प्रदूषण नियंत्रण के चलते दिल्ली में शनिवार दोपहर से पुरानी डीजल बसों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद उत्तराखंड परिवहन निगम ने इन बसों को कौशांबी डिपो (गाजियाबाद) तक संचालित करने की योजना बनाई, लेकिन उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने कौशांबी में बसों को खड़ा करने के लिए जगह देने से मना कर दिया।
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के इस फैसले के बाद उत्तराखंड की पुरानी डीजल बसों को दिल्ली सीमा तक भी नहीं पहुंचाया जा सकेगा, जिससे हजारों यात्रियों की यात्रा प्रभावित हो रही है।
उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था न किए जाने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने परिवहन विभाग और निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें दिल्ली जाने वाली बसों की संख्या बढ़ाने और यात्रा के अन्य उपायों पर चर्चा की गई थी। हालांकि, इस बैठक के तीन दिन बाद भी परिवहन निगम दिल्ली जाने वाली बीएस-6 और सीएनजी बसों के फेरे बढ़ाने में सफल नहीं हो पाया है।
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उत्तराखंड में कुल 194 पुरानी डीजल बसें खड़ी हुई हैं, जो प्रदूषण नियंत्रण के तहत अब दिल्ली तक नहीं जा सकतीं। शनिवार को प्रदूषण के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद इन बसों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब इन बसों के संचालन के लिए कोई वैकल्पिक योजना नहीं बनाई गई है, जिससे यात्रियों की समस्याएँ बढ़ गई हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए थे कि इन पुरानी बसों को दिल्ली सीमा तक कौशांबी डिपो या मोहननगर तक चलाया जाए, लेकिन उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने इसे मंजूरी नहीं दी। इसके कारण उत्तराखंड परिवहन निगम की योजना को बड़ा झटका लगा है।