300 फिल्मों का इंसाफ पर्दे पर सबसे ज़्यादा जज बनने वाला ये एक्टर
Bollywood is a strange world

300 फिल्मों का इंसाफ पर्दे पर सबसे ज़्यादा जज बनने वाला ये एक्टर : बॉलीवुड एक अजीब दुनिया है। यह इंडस्ट्री किसी को इतना कुछ दे देती है कि वह संभाल नहीं पाता, तो किसी को काम के लिए भी तरसा देती है। लेकिन कुछ कलाकार ऐसे भी होते हैं जो चुपचाप, बिना किसी शोर-शराबे के अपना काम करते हैं और सैकड़ों फिल्मों में अपनी छाप छोड़ जाते हैं। ऐसा ही एक नाम है हामिद अली मुराद, जिन्हें हम एक्टर मुराद के नाम से जानते हैं।
मुराद ने अपने करियर में 500 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने कभी लीड रोल नहीं किया, लेकिन उनकी मौजूदगी इतनी दमदार होती थी कि स्क्रीन पर आते ही लोग उन्हें पहचान जाते थे। उनके चेहरे पर गंभीरता, आवाज़ में ठहराव और अभिनय में गहराई – यही उनकी पहचान थी। उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में जज, पुलिस ऑफिसर या पिता की भूमिका निभाई। खासकर जज के किरदार में तो वो इस कदर फेमस हुए कि लोगों के ज़हन में ‘ऑर्डर ऑर्डर’ कहते हुए उनका चेहरा बस गया।
मुराद, फिल्म इंडस्ट्री के उन गिने-चुने कलाकारों में से एक थे, जो कभी सुपरस्टार नहीं बने लेकिन फिर भी उनका करियर सितारों से कम नहीं था। वह अभिनय के गुरु माने जाते थे, और उनके बेटे रज़ा मुराद ने भी अपने पिता की तरह बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई – हालांकि नेगेटिव रोल्स में।
मुराद का रिश्ता कई नामी बॉलीवुड हस्तियों से भी रहा है। वह जीनत अमान के रिश्तेदार थे और उनका जुड़ाव सोनम और सनोबर कबीर से भी है। एक ओर जहां रजा मुराद ने विलेन के रूप में नाम कमाया, वहीं मुराद साहब ने सीरियस और जिम्मेदार किरदारों के ज़रिए सिनेमा को मजबूत बनाया।
1981 में उन्हें लकवे का अटैक आया था, जिसके बाद उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई। 1987 में उन्होंने फिल्मों से रिटायरमेंट ले लिया, लेकिन उनकी कुछ फिल्में उनके बाद भी रिलीज होती रहीं। 24 अप्रैल 1997 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
आज मुराद को याद करते हुए हम यह कह सकते हैं कि उन्होंने साबित किया – “लीड रोल होना ज़रूरी नहीं, काम में सच्चाई और निरंतरता ही असली पहचान है।”