उत्तराखंड में आफत की बारिश! मौसम विभाग ने दी बड़ी चेतावनी
The mood of weather is constantly changing in Uttarakhand

उत्तराखंड में आफत की बारिश! मौसम विभाग ने दी बड़ी चेतावनी : उत्तराखंड में मौसम का मिजाज लगातार बदलता जा रहा है और आज भी राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने विशेष चेतावनी जारी करते हुए पिथौरागढ़, बागेश्वर और अल्मोड़ा जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। वहीं, देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल और हरिद्वार जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
ऑरेंज अलर्ट: भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, पिथौरागढ़, बागेश्वर और अल्मोड़ा में आज दिनभर गरज के साथ तेज बारिश होने की संभावना है। साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। इन परिस्थितियों में कुछ इलाकों में ओलावृष्टि भी हो सकती है, जिससे फसलों को भारी नुकसान पहुंच सकता है।
ऑरेंज अलर्ट का अर्थ है कि संबंधित क्षेत्रों में मौसम का प्रभाव सामान्य से अधिक गंभीर हो सकता है। इस स्थिति में प्रशासन को पूरी तरह तैयार रहने और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। खासकर पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन की आशंका भी बढ़ जाती है।
येलो अलर्ट वाले जिले: सामान्य से अधिक प्रभाव लेकिन कम जोखिम
उत्तराखंड के आठ जिलों—देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल और हरिद्वार—के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। येलो अलर्ट का मतलब है कि मौसम थोड़ा अधिक सक्रिय रहेगा, लेकिन इसका प्रभाव इतना गंभीर नहीं होगा कि जनजीवन ठप हो जाए। फिर भी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
किसानों और यात्रियों के लिए विशेष चेतावनी
तेज बारिश और ओलावृष्टि से सबसे अधिक नुकसान किसानों को हो सकता है। खड़ी फसलें बारिश और ओले के कारण पूरी तरह बर्बाद हो सकती हैं। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसल की सुरक्षा के उपाय करें और मौसम अपडेट पर ध्यान दें।
वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा करने वाले लोगों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। बारिश और भूस्खलन के कारण कई **सड़कों के बंद होने** की आशंका बनी हुई है। यदि जरूरी न हो तो यात्रा टालने की सलाह दी गई है।
प्रशासन की तैयारियां
राज्य प्रशासन ने मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर आपदा प्रबंधन दलों को अलर्ट मोड में रखा है। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है और स्थानीय अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।