महायज्ञ में दी गई श्रद्धांजलि, पहलगाम हमले के शहीदों को किया नमन
The recent barbaric terrorist attack in Pahalgam, Jammu and Kashmir in which innocent tourists were killed has shocked the entire nation.

महायज्ञ में दी गई श्रद्धांजलि, पहलगाम हमले के शहीदों को किया नमन : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए बर्बर आतंकी हमले में निर्दोष पर्यटकों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस ह्रदय विदारक घटना के विरोध और शहीदों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से रविवार को देहरादून के प्राचीन पंचायती मंदिर में एक विशाल महायज्ञ का आयोजन किया गया।
इस आयोजन में महापौर सौरभ थपलियाल, वरिष्ठ भाजपा नेता पीके अग्रवाल, पूर्व राज्यमंत्री अशोक वर्मा, समाजसेवी लालचंद शर्मा, अधिवक्ता शिवा वर्मा, महिला मोर्चा की सक्रिय कार्यकर्ता लक्ष्मी अग्रवाल सहित अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व और बड़ी संख्या में आम नागरिक शामिल हुए। भाजपा नेता लक्ष्मी अग्रवाल के नेतृत्व में अनेक महिलाएं विशेष रूप से इस यज्ञ में सम्मिलित हुईं और आहुतियां देकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
महायज्ञ की पवित्र अग्नि में दी गई आहुतियों के माध्यम से उपस्थितजनों ने न केवल मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की, बल्कि शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना भी प्रकट की। यज्ञ के दौरान सभी लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर उन मासूम पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने आतंकवाद की इस क्रूरता का शिकार होकर अपनी जान गंवा दी। महापौर सौरभ थपलियाल ने इस मौके पर कहा, “आतंकवादियों ने धर्म और मानवता दोनों का अपमान किया है। निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाकर उन्होंने जो कायराना हरकत की है, उसका मुंहतोड़ जवाब हमारी सेना ने दिया है।”
लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा, “देवभूमि उत्तराखंड की धरती से हमने आज महायज्ञ के माध्यम से उन 26 निर्दोष पर्यटकों की आत्मा की शांति के लिए बद्रीकेदार भगवान से प्रार्थना की है। पूरे देश में इस घटना को लेकर आक्रोश है और हम सभी एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं।” महायज्ञ के समापन के बाद उपस्थितजनों ने “भारतीय सेना ज़िंदाबाद”, “वंदे मातरम्” और “आतंकवाद मुर्दाबाद” के नारों के साथ एक स्वर में आतंक के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। इस अवसर पर समाज के विभिन्न वर्गों के लोग – अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी, युवा और महिलाएं – बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।
इस आयोजन ने स्पष्ट कर दिया कि उत्तराखंड की जनता न केवल शहीदों के साथ खड़ी है, बल्कि हर आतंकवादी मंसूबे को नाकाम करने के लिए मानसिक और सामाजिक रूप से तैयार है। यह श्रद्धांजलि महायज्ञ, न केवल दिवंगतों को सम्मान देने का माध्यम बना, बल्कि राष्ट्रभक्ति और एकता का प्रतीक भी सिद्ध हुआ।