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8 साल की बच्ची को मिली MP पुलिस की नौकरी, SP ने सौंपा ज्वाइनिंग लेटर…

The SP also accepted the girl's application in just 25 minutes. Not only this, he also gave her the joining letter for the job.

8 साल की बच्ची को मिली MP पुलिस की नौकरी, SP ने सौंपा ज्वाइनिंग लेटर :- अब आपको एक रोचक खबर बताते हैं जो आयी है मध्य प्रदेश के उज्जैन से जहाँ चौथी कक्षा की छात्रा की पुलिस विभाग में नौकरी लगी है. बच्ची की उम्र अभी केवल 8 साल है. आप सोच रहे होंगे ऐसा कैसे हो सकता है ? लेकिन आपको बता दें कि बच्ची के पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. वो पुलिस विभाग में नौकरी करते थे. उनकी जगह बेटी ने नौकरी के लिए आवेदन किया था।

एसपी ने भी बिटिया का आवेदन महज 25 मिनट में स्वीकार कर लिया. यही नहीं उसे नौकरी का ज्वाइनिंग लेटर भी दे दिया. थाना महाकाल में पदस्थ प्रधान आरक्षक क्रमांक 988 देवेंद्र सिंह रघुवंशी की 17 मई 2025 को हार्ट अटैक आने के कारण अचानक मौत हो गई थी. प्रधान आरक्षक की मौत के बाद उनका परिवार एसपी प्रदीप शर्मा से मिलने पहुंचा था. उन्होंने प्रधान आरक्षक देवेंद्र सिंह रघुवंशी की 8 वर्षीय बिटिया ईच्छा रघुवंशी को बाल आरक्षक बनाने के लिए आवेदन दिया था।

इसीलिए बनाए जाते हैं बाल आरक्षक

बताया जाता है की इच्छा रघुवंशी प्रधान आरक्षक स्व. देवेंद्र सिंह रघुवंशी की एकमात्र संतान है. इसीलिए उन्हें यह नियुक्ति दी गई है. इच्छा वर्तमान में सेंट मैरी स्कूल में पढ़ाई कर रही है. पुलिसकर्मी की असमय मृत्यु होने पर परिवार के भरण पोषण के लिए नाबालिक बच्चों को बाल आरक्षक बनाया जाता है।

ये बच्चे 18 वर्ष की उम्र तक पढ़ाई के साथ-साथ विभाग के छोटे-मोटे काम करते हैं. साथ ही पुलिस के अनुशासन और विभाग की प्रक्रिया को समझते हैं.18 वर्ष के होने पर सीधे उनके कार्य शुरू हो जाते हैं. नाबालिग बच्चों को बाल आरक्षक बनाने के पीछे एक प्रमुख कारण यह भी है कि घर के मुखिया के देहांत के बाद उनके परिवार को आर्थिक मदद दी जा सके और पूरे परिवार का भरण पोषण हो सके।

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‘प्रमुखता से हल किए जाते हैं ऐसे मामले’

एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि बाल आरक्षकों की नियुक्ति के मामलों को जल्द से जल्द हल किया जाना मेरी प्राथमिकता में शामिल है. इच्छा रघुवंशी के पहले भी अन्य बाल आरक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है. ऐसे मामलों में हमारा उद्देश्य सिर्फ यही रहता है कि जल्द से जल्द परिवार के व्यक्ति को नौकरी मिले और उन पर आ रहे हैं आर्थिक संकट को दूर किया जा सके. इस मामले में भी हमने आवेदन दिए जाने के महज 25 मिनट में ही इच्छा रघुवंशी को बल आरक्षक के पद पर नियुक्त कर तत्काल इसके आदेश जारी कर दिए।

नौकरी में बच्ची को मिलेगा इतना वेतन

इच्छा अभी 8 साल की है और चौथी कक्षा में पढ़ती है, हालांकि इसके बावजूद उसका नाम पुलिस कर्मचारी की लिस्ट में दर्ज हो चुका है. पुलिस नियमों के अनुसार जब, वो 10वीं कक्षा पास कर लेगी तो स्थायी आरक्षक बन सकेगी. इच्छा को मिलने वाले वेतन की जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि बाल आरक्षक को नव आरक्षक से आधा वेतन मिलता है।

इसी नियम के तहत इच्छा को हर महीने 15 हजार 113 रुपए वेतन मिलेगा. साथ ही उसे महीने में एक बार थाने आकर साइन करना होगा और इस दौरान उसकी पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी जानकारी भी ली जाएगी. 10 साल बाद जब इच्छा 18 साल की उम्र पूरी कर लेगी और 10वीं की परीक्षा पास कर लेगी, तो उसके बाद वह स्थायी आरक्षक बन पाएगी. इस दौरान पिता की पेंशन उनकी मां को मिलती रहेगी।

Leena Kumari

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