दिल्ली का रहस्यमयी किला जहां प्रेतों को चिट्ठी लिखकर सारी इच्छाएं हो जाती हैं पूरी
Firoz Shah Tughlaq built this fort in 1354 AD after seizing power from his uncle Muhammad bin Tughlaq.

दिल्ली का रहस्यमयी किला जहां प्रेतों को चिट्ठी लिखकर सारी इच्छाएं हो जाती हैं पूरी :- अगर आप दिल्ली में हैं और इतिहास और रहस्य में दिलचस्पी रखते हैं, तो फिरोजशाह कोटला किले की कहानी आपको झटका दे सकती है. कहा जाता है कि इस किले में आज भी जिन्न रहते हैं और लोगों की इच्छाओं को पूरा करते हैं. लोग दूर-दूर से यहां अपनी फरियाद लेकर आते हैं, यह विश्वास करने वाले के लिए अद्भुत अनुभव होता है।
फिरोजशाह कोटला किला राजधानी दिल्ली के दिल में स्थित है, और इसके पास ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है, जिसे अब अरुण जेटली स्टेडियम के नाम से जाना जाता है. किले में प्रवेश करने के लिए केवल 25 रुपए का टिकट देना होता है।
सरसों का तेल और लहसुन के फायदे
इतिहास की एक झलक
फिरोज शाह तुगलक ने 1354 ई. में अपने चाचा मुहम्मद बिन तुगलक से सत्ता छीनने के बाद इस किले का निर्माण करवाया था. उसी समय उन्होंने फिरोजाबाद शहर भी बसाया. किले का निर्माण यमुना के किनारे इसलिए किया गया ताकि पानी की समस्या से निजात मिल सके. इतिहास में इसे दिल्ली का छठा शहर भी माना जाता है।
जिन्नात और उनकी मान्यता
कुछ सालों से यहां जिन्नों के बसने की मान्यता है. बताया जाता है कि इमरजेंसी के समय लड्डू शाह नामक बाबा यहां रहकर शागिर्दों को जिन्नों की शक्तियों के बारे में बताते थे. उनके अनुसार, जिन्न लोगों की इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं.कोरोना से पहले किले के नीचे बने कमरों में लोग चिराग जलाकर अपनी फरियाद पढ़ते थे. अब भी गुरुवार के दिन लोग बड़ी संख्या में यहां आते हैं और अपनी परेशानियां जिन्नों के सामने रखते हैं।
खाली पेट पपीता खाने के फायदे
किले में एक महिला ने अपनी कहानी सुनाई. उसने बताया कि उसके पति की गंभीर बीमारी थी, लेकिन यहां आकर और अपनी अर्जी लगाने के बाद उसका परिवार खुशहाल हो गया. उसका बेटा भी घर लौट आया. ऐसी कहानियां केवल एक महिला की नहीं हैं, बल्कि दूर-दूर से लोग यहां अपनी उम्मीदें और समस्याएं लेकर आते हैं।
सबसे चर्चित जिन्न है ‘लाट वाले बाबा’, जो 13.1 मीटर ऊंची मीनार-ए-जरीन में रहते हैं. हालांकि, इस मीनार तक जाने का रास्ता बंद रखा गया है।
Archeological Survey of India के अनुसार, किले में जिन्न वाली मान्यता लोगों की आस्था पर आधारित है. उनके पास इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं है. उनका काम केवल देश की ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा करना है।
किले में पुरुष और महिलाओं के लिए कुछ नियम माने जाते हैं. माना जाता है कि ज्यादा इत्र लगाकर यहां नहीं आना चाहिए. लोग मानते हैं कि जिन्न इंसानों की तरह परिवार चला सकते हैं और हजारों साल तक जीवित रह सकते हैं।