चेहरे होगे साफ, जल्द मंत्रिमंडल विस्तार!
On Sunday, along with Chief Minister Dhami, State President Mahendra Bhatt also gave indications in this regard.

चेहरे होगे साफ, जल्द मंत्रिमंडल विस्तार! :- उत्तराखंड में लंबे समय से अटकी कैबिनेट विस्तार की घड़ी करीब लगती है लिहाज़ा इंतजार कर रहे विधायकों में हलचल तेज़ हो गई है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट के पांच खाली पदों को भरने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य में होने वाले 2027 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी कैबिनेट विस्तार अहम माना जा रहा है। राज्य मंत्रिमंडल में फिलहाल पांच पद खाली हैं। इनमें से चार पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं, जबकि एक पद पूर्व संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद खाली हुआ है।
बीजेपी विधायकों को इन पदों के भरे जाने का बेसब्री से इंतजार है। बीजेपी सूत्रों के अनुसार हाल ही में मुख्यमंत्री धामी के दिल्ली दौरे के दौरान कैबिनेट विस्तार को लेकर उनकी शीर्ष नेतृत्व से अहम चर्चा हुई। माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व की हरी झंडी मिलने के बाद इस पर जल्द फैसला किया जाएगा।
रविवार को मुख्यमंत्री धामी के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी इस संबंध में संकेत दिए। उन्होंने कहा कि धामी कैबिनेट के खाली पद भरने को लेकर लंबे समय से कवायद जारी है। बातचीत अंतिम चरण में है और जल्द ही रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी. वही विपक्ष का कहना है कि हर बार इसी तरह चर्चा होती है. दरअसल धामी सरकार कैबिनेट को भरना ही नही चाहती।
बीते दिनों से लंबे समय से धामी कैबिनेट के विस्तार की चर्चाओं के बीच बीजेपी के कई विधायकों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात भी की। मुख्यमंत्री से हुई विधायकों की इस मीटिंग को अहम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद सोशल मीडिया के जरिए विधायकों से मुलाकात की जानकारी दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने वाले बीजेपी विधायकों में गंगोलीहाट विधायक फकीर राम टम्टा, रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी, गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान, जागेश्वर विधायक मोहन सिंह माहरा तथा दायित्वधारी कैलाश पंत और रजनी रावत शामिल रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस दिल्ली दौरे में हाई कमान के साथ उनकी महत्वपूर्ण बैठक भी हो चुकी है. जिसमें किस तरह से मंत्री पद भरे जाएंगे और किस तरह से यह देखा जाएगा कि किसे मंत्री बनाना है। इस बार जो मंत्री पद भरे जाएंगे उनमें जातीय समीकरण के साथ-साथ पहाड़ मैदान दोनों को संतुलित करके भरा जाएगा।
सूत्रों की माने तो जिस तरह से प्रेमचंद अग्रवाल जो कि एक बनिया समाज के साथ-साथ मैदानी क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्व करते थे उनके इस्तीफे के बाद किसी ऐसे ही विधायक को जो मैदानी क्षेत्र के होने के साथ-साथ बनिया समाज को भी संतुलित कर सकते हैं उनको धामी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि ऐसे बीजेपी के विधायक हरिद्वार क्षेत्र से हो सकते है। इसके साथ ही देहरादून जिले दो विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है तो दूसरी तरफ रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी से भी किसी एक को मंत्री बनाया जाएगा, वैसे तो मांग उत्तरकाशी क्षेत्र से भी किसी एक विधायक को मंत्री बनाने की उठ रही है लेकिन यह फिलहाल तय नहीं है कि उत्तरकाशी से कोई विधायक मंत्री बनेगा या नहीं।
वहीं कुमाऊं क्षेत्र से भी जिसमें मैदान और पहाड़ दोनों शामिल हैं वहां से भी किसी विधायक का मंत्री बनाया जा सकता है। क्योंकि इस बार यह लगभग तय माना जा रहा है कि धामी सरकार में खाली पड़े मंत्री पदों को भर दिया जाएगा. ऐसे में कई विधायक इस जुगाड़ में लग गए हैं कि किसी तरह से उनका नंबर लग जाए। इसके लिए लगातार हाई कमान से लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात के दौर शुरू हो गए हैं।