हिंदी पत्रकारिता की जड़ें 199 साल पुरानी, जानिए कैसे शुरू हुई थी सच्चाई की ये यात्रा
Inside News Post wishes you all a very Happy Hindi Journalism Day

Inside News Post की ओर से आप सभी को हिंदी पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। यह दिन न सिर्फ पत्रकारों का, बल्कि हर उस नागरिक का पर्व है जो सच को जानने और समाज में बदलाव लाने की भावना रखता है।
पत्रकारिता का भारत के इतिहास को संवारने में अहम योगदान रहा है। पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, और यह लोकतंत्र को मजबूती देने में हमेशा श्रेष्ठ भूमिका निभाता आया है। पत्रकार न सिर्फ खबरें देते हैं, बल्कि समाज को आइना दिखाने का कार्य करते हैं। वे बिना किसी पक्षपात के सत्ता और समाज की गलतियाँ को उजागर करते हैं और जन-जन तक सच्चाई पहुंचाते हैं।
इन्हीं निडर और निष्पक्ष पत्रकारों के सम्मान और उनके योगदान को पहचान देने के लिए हर साल 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। इस दिन का ऐतिहासिक महत्व भी है — वर्ष 1826 में इसी दिन हिंदी का पहला समाचार पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ का प्रकाशन पंडित जुगल किशोर शुक्ल द्वारा कोलकाता से किया गया था। यह हिंदी भाषा में पत्रकारिता की शुरुआत का प्रतीक है, जिसने आगे चलकर एक विशाल पत्रकारिता परंपरा को जन्म दिया।
हिंदी पत्रकारिता ने आज़ादी की लड़ाई में हो या सामाजिक सुधारों में, हर मोर्चे पर अपनी स्पष्ट और साहसी भूमिका निभाई है। आज के डिजिटल युग में भी हिंदी पत्रकारिता जनभावनाओं को अभिव्यक्ति देने का एक मजबूत माध्यम बनी हुई है।
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य न सिर्फ पत्रकारों को सम्मान देना है, बल्कि हिंदी पत्रकारिता को और शक्तिशाली बनाना, नई पीढ़ी को इससे जोड़ना और समाज को सच्चाई के प्रति सचेत करना भी है। पत्रकारों को उनके कठिन परिश्रम, ईमानदारी और साहस के लिए नमन करते हैं।