
अंकिता हत्याकांड में तीनों दोषियों को उम्रकैद, कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज इंसाफ की जीत हुई। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने इस मामले में तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई है। यह फैसला आने में करीब 32 महीने लगे, लेकिन पीड़िता के परिवार और समाज के लिए यह एक बड़ी राहत लेकर आया।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि तीनों दोषियों ने मिलकर न केवल एक मासूम लड़की की हत्या की, बल्कि इस घिनौने अपराध को छिपाने के लिए साक्ष्य मिटाने का भी प्रयास किया। पुलकित आर्य और उसके सहयोगियों ने अंकिता पर अनैतिक कार्य करने का दबाव बनाया। जब उसने इसका विरोध किया, तो उसे बेरहमी से ऋषिकेश के चिल्ला नहर में धक्का देकर मार डाला।
अंकिता वनंत्रा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थीं। उन्होंने अपने माता-पिता से कई बार शिकायत की थी कि उनसे गलत काम करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। परिजनों ने कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन मामला तब तूल पकड़ा जब अंकिता लापता हो गईं और बाद में उनका शव नहर में मिला।
अदालत ने हत्या, छेड़छाड़, साक्ष्य मिटाने और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत दोषियों को अलग-अलग सजा सुनाई, लेकिन सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में कोई नरमी नहीं बरती जा सकती क्योंकि यह अपराध न केवल एक व्यक्ति के खिलाफ, बल्कि समाज के नैतिक मूल्यों पर हमला है। फैसले के दौरान कोर्ट परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, जो दोषियों के लिए फांसी की मांग कर रहे थे। हालांकि, कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया के तहत उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।
पीड़िता के परिवार ने कहा, “हमें खुशी है कि न्याय मिला, लेकिन हम चाहते थे कि दोषियों को फांसी दी जाती ताकि ये मिसाल बनता।” यह फैसला उन सभी परिवारों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो न्याय के इंतजार में हैं। अंकिता की मौत व्यर्थ नहीं गई उसने समाज को जागरूक किया, और न्यायपालिका ने भरोसा कायम रखा।