तिरुपति की घटना के बाद बदरी-केदार में प्रसाद की गुणवत्ता पर होगी निगरानी
After the recent incident of adulteration in the prasad at Tirupati Balaji Temple, the Badrinath-Kedarnath Temple Committee (BKTC) has decided to focus on cleanliness and quality.

तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद में मिलावट की हालिया घटना के बाद बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने स्वच्छता और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है। यह कदम न केवल भक्तों की आस्था को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह खाद्य सामग्री की शुद्धता को भी सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। बीकेटीसी के अधीन सभी मंदिरों में भोग और प्रसाद की शुद्धता और गरिमा को बनाए रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। विशेष रूप से, भोग-प्रसाद में लाई जाने वाली खाद्य सामग्री के भंडारण के लिए मानक निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि भक्तों को हमेशा गुणवत्तापूर्ण और पवित्र प्रसाद मिले।
बीकेटीसी ने यह भी तय किया है कि वह समय-समय पर मंदिरों में लगने वाले भोग और प्रसाद की गुणवत्ता पर सतर्क नजर रखेगी। इसके साथ ही, भोग और प्रसाद की खाद्य सामग्री को दान और क्रय करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि सभी खाद्य सामग्री स्वच्छ और गुणवत्ता से युक्त हो। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम, जो कि हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थस्थल हैं, भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र हैं। इस प्रकार की स्वच्छता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की मुहिम से न केवल भक्तों का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि यह धार्मिक स्थलों की गरिमा को भी बनाए रखेगा।
तिरुपति बालाजी मंदिर में हुई घटना के बाद बीकेटीसी की यह पहल निस्संदेह एक सकारात्मक कदम है। भक्तों की आस्था की रक्षा और प्रसाद की शुद्धता बनाए रखने के लिए ऐसे कदम उठाना आवश्यक है। इस प्रयास से उम्मीद है कि सभी तीर्थस्थलों पर भक्तों को सुरक्षित और पवित्र प्रसाद प्राप्त होगा, जिससे उनकी धार्मिक भावनाओं को और मजबूती मिलेगी।