क्या वाकई प्लेन की होती है उम्र अहमदाबाद हादसे के बाद उठे गंभीर सवाल
Ahmedabad Air India Dreamliner (AI171) aircraft crashed soon after take-off on the afternoon of June 12

अहमदाबाद एयर इंडिया ड्रीमलाइनर (AI171) विमान 12 जून की दोपहर टेक-ऑफ करते ही क्रैश हो गया। इस प्लेन पर सवार 241 यात्रियों की जिंदगी का ये आखिरी सफर बन गया। प्लेन के उड़ान भरते ही चंद मिनट में ही ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से ये हादसा हुआ इसकी जांच शुरू हो चुकी है। DFDR ने विमान की छत से ब्लैक बॉक्स बारामद कर लिया जिसके जरिए अब जांच टीम हादसे की असल वजह का पता लगा सकेगी।
इस प्लेन क्रैश के बाद से ही ये Boeing 787 ड्रीमलाइनर विमान सवालों के घेरे में आ चुका है। अब खुलासा हुआ है कि एआई का ये ड्रीमलाइनर विमान 11 साल पुराना था। इसके बाद एयर इंडिया के विमानों की उम्र को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। सवाल उठ रहा है कि प्लेन पुराना था इसलिए ये हादसा हुआ? जानिए क्या विमान की उम्र मायने रखती है? सरकार के नियम क्या कहते हैं?
बता दें एक यात्री ने असलियत बयां की थी और खतरे का अंदेशा भी जताया था। जिसमें उन्होंने बताया कि दिल्ली से अहमदाबाद तक इसी फ्लाइट से सफर किया तब उन्होंने नोटिस किया कि इसकी एवी स्क्रीन, टीवी और रिमोट के अलावा एसी भी ठीक से काम नहीं कर थे। यानी इस यात्री के अनुसार विदेश की लंबी यात्रा के लिए 242 यात्रियों को लेकर हवा में उड़े विमान की अच्छी कंडीशन नहीं थी।
एयर इंडिया के विमानों की उम्र क्या है?
संसद में मार्च 2025 में सरकार आंकड़े पेश किए गए थे उनके अनुसार आपको बताते हैं कि एयर इंडिया के पास कितने पुराने विमान हैं? यात्री विमानों के संचालन में एयर इंडिया की भागीदारी 20 फीसदी है। एयर इंडिया के बेड़े में शामिल 70 फीसदी विमान एक दशक से अधिक पुराने हैं। एयर इंडिया के 188 विमानों में से 43 विमान 15 साल से अधिक पुराने हैं। 69 विमान पांच साल से कम पुराने हैं। यानी एयर इंडिया के बेड़े में शामिल 37 फीसदी विमान 10 साल से अधिक पुराना है। अहमदाबाद में जो बोइंग विमान (AI171) क्रैश हुआ वो 11 साल पुराना था।
विमान की उग्र को लेकर क्या कहता हैं सरकारी नियम –
सरकार ने संसद में एक प्रश्न के जवाब में कहा था, “नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने भारत में विमानों के उड़ान भरने की अवधि को लेकर कोई विशेष दिशा-निर्देश नहीं दिए हैं। विमानों को तभी उड़ान भरने के लिए उपयुक्त माना जाता है जब उनका रखरखाव निर्माता कंपनी द्वारा निर्धारित नियमों और प्रोग्राम के अनुसार किया जाता है। भारत में रजिस्टर्ड विमान तब तक उड़ान भर सकते हैं जब तक विमान के प्रकार के लिए टाइप सर्टिफिकेट वैध है और उनका रखरखाव बेहतर किया जा रहा है।