ऋषिकेश मेयर नगर आयुक्त विवाद
The controversy started over the use of a simple GPS vehicle

ऋषिकेश मेयर नगर आयुक्त विवाद : उत्तराखंड के तीर्थ नगरी ऋषिकेश में नगर निगम के भीतर प्रशासनिक टकराव लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। नगर निगम मेयर शंभू पासवान और नगर आयुक्त शैलेन्द्र नेगी के बीच तनातनी का यह मामला अब व्यक्तिगत आरोपों तक पहुंच गया है। विवाद की शुरुआत एक साधारण जीपीएस वाहन के उपयोग को लेकर हुई थी, लेकिन अब यह राजनीतिक और प्रशासनिक गरिमा को लांघता हुआ दिख रहा है।
जानकारी के मुताबिक, यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब नगर निगम की एक जीपीएस ट्रैकिंग प्रणाली से युक्त सरकारी गाड़ी को लेकर मतभेद पैदा हुआ। मेयर शंभू पासवान का कहना है कि वे पहले से ही अपने निजी वाहन का उपयोग कर रहे हैं और उन्हें जीपीएस लगी गाड़ी से कोई आवश्यकता नहीं है। वहीं नगर आयुक्त की तरफ से इस व्यवस्था को लागू करने की प्रक्रिया को लेकर आपत्ति जताई गई थी।
सोमवार को मेयर शंभू पासवान देहरादून स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पहुंचे और मीडिया से बातचीत में नगर आयुक्त शैलेन्द्र नेगी पर तीखे शब्दों में हमला किया। उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त “अच्छे व्यक्ति नहीं हैं” और दो साल से एक ही पद पर जमे हुए हैं। मेयर ने तंज कसते हुए कहा, “जिस घर में पति-पत्नी के बीच अनबन हो, वहां न तो छोड़ते हैं और न ही निभाते हैं। ऐसा ही कुछ यहां भी हो रहा है।
यह विवाद अब नगर निगम की कार्यप्रणाली को भी प्रभावित कर रहा है। शहर के विकास कार्यों पर सीधा असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। दोनों अधिकारियों के बीच बढ़ती तल्खी से आम जनता के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है और स्थानीय निकाय के प्रति विश्वास में कमी आ रही है।
हालांकि अभी तक राज्य सरकार की तरफ से इस मामले में कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन जानकारों का मानना है कि यदि जल्द हस्तक्षेप नहीं हुआ तो यह विवाद बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। लोगों को उम्मीद है कि प्रशासनिक गरिमा को बनाए रखते हुए दोनों पक्ष आपसी समन्वय से समस्या का समाधान निकालेंगे।