आयोग के सवालों के आगे पीवैल्यू कम्पनी नही दे पाए जवाब , अगली सुनवाई पर रिसर्च टीम को उपस्थित होने के निर्देश
In this case, Mayank Dhaya was present in the State Women Commission as the representative of the company. Where, as the representative of the company, he presented the annual report and index on the questions of the commission.

आयोग के सवालों के आगे पीवैल्यू कम्पनी नही दे पाए जवाब , अगली सुनवाई पर रिसर्च टीम को उपस्थित होने के निर्देश : देवभूमि उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून शहर को पीवैल्यू एनालेटिक्स कम्पनी द्वारा धारणा आधारित जारी राष्ट्रीय वार्षिक रिपोर्ट और सूचकांक (एनएआरआई) 2025 में महिलाओं के लिए असुरक्षित बताने के मामले में उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग द्वारा कंपनी के प्रबन्ध निदेशक समन भेज कर उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे।
मामले में कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर मयंक ढय्या राज्य महिला आयोग में उपस्थित रहे। जहां पर उन्होंने कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर आयोग के सवालों पर वार्षिक रिपोर्ट व इंडेस्क में संदेहास्पद स्थिति के लिए क्षमा मांगते हुए कहा कि यह एक एकेडमिक रिपोर्ट है जिसका उद्देश्य किसी शहर की छवि को खराब करने का नही था।
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वहीं आयोग की अध्यक्ष व उपस्थित पैनल के समक्ष कम्पनी के प्रतिनिधि मयंक ढैय्या आयोग के सवालों जवाब नही दे पाए, उनके द्वारा दी गयी जानकरी पर्याप्त न हो पाने के कारण उन्होंने कहा इस रिपोर्ट को लेकर उनके पास अधिक जानकारी नही है, वो कम्पनी में बात कर के आपको जवाब दे पाएंगे जिसको लेकर आयोग अध्यक्ष ने फटकार लगाते हुए कहा अगली सुनवाई पर रिसर्च टीम व प्रबन्ध निदेशक को उपस्थित होने के निर्देश दिए है।
महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने जानकरी में बताया कि कम्पनी के प्रतिनिधि के पास जानकारी का अभाव था जिस कारण इस मामले की सुनवाई इसी महीने की 15 तारीख को कर दी गयी है। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अगली सुनवाई में कंपनी के प्रबंध निदेशक के साथ वार्षिक रिपोर्ट व इंडेस्क के प्रमुख इन्वेस्टिगेटर/ सहायक इन्वेस्टिगेटर को उपस्थित होना है तथा आयोग के समस्त सवालों के जवाब, रिसर्च व सर्वे के सभी दस्तावेज तथा सर्वे के लिए की गई सभी मीटिंगों व कार्रवाई की मिनट्स रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर आयोग को उपलब्ध कराए जाएं।
वहीं कुसुम कण्डवाल ने कहा कि पीवैल्यु एनालेटिक्स कम्पनी द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट व इंडेस्क में आयोग की टीम ने अनेको खामियां पाई है जिसके संतोषजनक जवाब आज की सुनवाई में नही मिल पाए है, जो कि पूरी तरह से संदेहास्पद है।
वार्षिक रिपोर्ट व सर्वे में शामिल महिलाओं से पूछे गए सवालों को भी पब्लिक नही किया गया है, किन महिलाओं को सर्वे में रखा गया है क्या वह वर्किंग है या हाउस वाइफ है यह भी स्पष्ट नही है, टेलीफ़ोन के माध्यम से कोई गए सर्वे में किन प्रश्नों को रखा गया है वह भी स्पष्ट नही है साथ ही एकेडमिक रिसर्च के अनेकों अनेक मापदंड भी अधूरे है। ऐसे में अगर कंपनी की तरफ से कोई स्पष्टीकरण नही प्रस्तुत किया गया तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।