फर्जीवाड़े पर प्रशासन का बड़ा एक्शन, डीएम ने 5 लाख का जुर्माना ठोका
Administration's big action on fraud

फर्जीवाड़े पर प्रशासन का बड़ा एक्शन, डीएम ने 5 लाख का जुर्माना ठोका : देहरादून में शिक्षा व्यवस्था में फैले फर्जीवाड़े और मनमानी पर अब प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने एक गैर-जिम्मेदार और लापरवाह स्कूल पर कड़ा शिकंजा कसा है। प्रेसिडेंसी इंटरनेशनल स्कूल, भानियावाला पर बिना मान्यता नवीनीकरण के संचालन और अभिभावकों की शिकायतों के चलते ₹5,20,000 की भारी-भरकम शास्ति लगाई गई है।
शिकायतों से खुला मामला
मामला तब उजागर हुआ जब 100 से अधिक अभिभावकों ने विद्यालय द्वारा की जा रही अनुचित फीस वृद्धि को लेकर जिलाधिकारी को लिखित शिकायत सौंपी। शिकायत में यह बताया गया कि विद्यालय प्रशासन बिना किसी स्पष्ट सूचना के फीस में भारी बढ़ोतरी कर रहा है और इसके पीछे कोई वैध दस्तावेज या स्वीकृति नहीं दी गई है। यह मामला जिला प्रशासन की नजर में आया और डीएम सविन बंसल ने तुरंत सीडीओ के माध्यम से जांच के आदेश दिए।
स्कूल की मनमानी और गैर-जवाबदेही
प्रशासन की ओर से जांच के लिए बार-बार बुलावे के बावजूद स्कूल प्रबंधन उपस्थित नहीं हुआ, जिससे उनकी कार्यप्रणाली पर संदेह और भी गहरा गया। जब प्रशासन ने खुद अभिलेखों की जांच की तो यह स्पष्ट हुआ कि विद्यालय को मार्च 2020 से मार्च 2025 तक प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक अंग्रेजी माध्यम में संचालन की मान्यता दी गई थी, लेकिन मान्यता के नवीनीकरण के लिए अभी तक कोई आवेदन नहीं किया गया था।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के उल्लंघन पर कार्रवाई
जांच में जब यह साबित हुआ कि विद्यालय बिना मान्यता के कार्यरत है, तो जिला प्रशासन ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा-18(5) के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए विद्यालय पर प्रतिदिन ₹10,000 की दर से 1 अप्रैल 2025 से 22 मई 2025 तक कुल 52 दिनों की अवधि के लिए ₹5,20,000 की शास्ति लगा दी।
प्रशासन ने विद्यालय को तीन दिनों की समय सीमा दी है जिसके भीतर शास्ति की धनराशि जमा करनी होगी। यदि विद्यालय इस अवधि में भुगतान नहीं करता है तो यह राशि भू-राजस्व की भांति वसूल की जाएगी।
प्रशासन की सख्ती से शिक्षा माफिया घबराए
यह कार्रवाई केवल एक विद्यालय पर नहीं, बल्कि पूरे जिले के लिए एक चेतावनी है। शिक्षा के नाम पर व्यापार करने वाले स्कूल अब खुद को घिरा महसूस कर रहे हैं। डीएम बंसल की सख्ती के बाद जिले के कई बड़े स्कूल अपनी फीस संरचना की पुनः समीक्षा कर रहे हैं। अभिभावकों ने भी इस कदम का स्वागत किया है और इसे बच्चों के भविष्य के लिए एक बड़ी राहत माना है।
बेलगाम फीस वृद्धि पर लगाम
जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से साफ है कि अब शिक्षा माफियाओं की मनमानी फीस वृद्धि, बिना मान्यता के संचालन और प्रशासनिक नियमों की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि प्रदेश में शिक्षा को व्यापार नहीं बनने दिया जाएगा, और इस दिशा में देहरादून प्रशासन की यह पहल एक मजबूत संदेश दे रही है।