बेटा पैदा करने की दवाई की मांग! क्या समाज अब भी नहीं बदला?
Everyone should listen to what the doctor said, in today's era where women are reaching the moon.

बेटा पैदा करने की दवाई की मांग, क्या समाज अब भी नहीं बदला : डॉक्टर ने जो कहा, वो हर किसी को सुनना चाहिए,आज के दौर में जहां महिलाएं चांद तक पहुंच रही हैं, वहीं कुछ घरों में अब भी बेटी के पैदा होने को बोझ माना जा रहा है। हाल ही में ऐसा एक मामला सामने आया है, जहां एक महिला अपनी बहू के लिए बेटा पैदा करने की दवाई मांगने डॉक्टर के पास पहुंच जाती है।तमाम कोशिशों और जागरूकता अभियानों के बावजूद आज भी हमारे समाज में बेटी और बेटे के बीच अंतर देखने को मिल ही जाता है। आज भी कई घरों में अब भी बेटे की चाह इतनी गहरी है कि लोग बेटी के जन्म को बोझ समझते हैं। हाल ही में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जब एक महिला अपनी बहू के लिए “बेटा पैदा करने की दवा’ लेने गाइनेकॉलजिस्ट डॉ.के क्लीनिक पहुंची थी।
महिला की बात सुनकर डॉक्टर भी एक पल के लिए हैरत में पड़ गईं। लेकिन फिर जो डॉक्टर ने कहा, वो हर मां, सास, परिवार और समाज को ध्यान से समझनी चाहिए। गाइनेकॉलजिस्ट डॉक्टर द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि वह एक महिला से पूछती हैं, ‘आप सारी दवाएं टाइम से ले रही हैं न?’ इस पर महिला जवाब देती है, ‘हां मैम, सारी दवाएं समय पर ले रही है।
मैम बेटा पैदा करने की दवाई दे दो
महिला आगे डॉक्टर से कहती है, ‘मैम, इस बार ऐसी दवाई देना जिससे लड़का हो जाए… मेरे बेटे की पहले ही दो बेटियां हैं। अबकी बार तो बेटा चाहिए ही। वो आगे बताती है कि बेटे की चाह में उसने अपनी बहू से व्रत रखवाए हैं, ताबीज पहनवाए हैं, और जो-जो उपाय बताए गए हैं, सब करवा रही है -बस इस बार बेटा हो जाए।
डॉक्टर भी हैरत में पड़ जाती हैं
यह सब सुनने के बाद डॉक्टर भी हैरत में पड़ जाती हैं, फिर कहती हैं कि-‘ताबीज पहनाने से कुछ नहीं होगा। बेटा या बेटी होना किस्मत या उपाय से नहीं तय होता, ये पूरी तरह से क्रोमोजोम पर निर्भर करता है। समाज को इस बात को समझना होगा।
लड़के होते हैं बेटा पैदा करने के लिए जिम्मेदार
वो आगे महिला को समझाती हैं कि लड़कियों में X क्रोमोजोम होते हैं, जो कि फिक्स होते हैं। वहीं, जो लड़के होते हैं, उनमे होते हैं एक्स और वाई क्रोमोजोम। इसलिए लड़का पैदा करने के लिए Y क्रोमोजोम की जरूरत होती, जो सिर्फ और पुरुषों से आते हैं, महिलाओं से नहीं।
लड़कियों को कोसना बंद करें समाज
डॉ. अंत में कहती हैं, ‘अगर व्रत करके किसी को भूखा मारना है, तो बेटों को मारो, क्योंकि लड़के या लड़की का होना महिला के हाथ में नहीं होता। महिलाओं को कोसना बंद करो। वह कहती हैं कि औरतों से मत कहो कि उनके अंदर कमी है या फिर उनकी बदकिस्मती है। इसलिए यह भ्रम बिल्कुल दूर कर लें।