उत्तराखंड में मौसम का कहर! आज इन जिलों में बारिश और तूफानी अंधड़ का अलर्ट, जनजीवन प्रभावित
The weather has changed once again in Uttarakhand

उत्तराखंड में मौसम का कहर! आज इन जिलों में बारिश और तूफानी अंधड़ का अलर्ट, जनजीवन प्रभावित : उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। 15 मई 2025 को राज्य के पर्वतीय जिलों में मौसम विज्ञान केंद्र ने आंधी, बिजली गिरने और हल्की बारिश की संभावना जताई है। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ अंधड़ चलने और आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है। इन क्षेत्रों में 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान है, जिसके लिए येलो अलर्ट भी जारी किया गया है।
वहीं मैदानी जिलों की बात करें तो यहां मौसम फिलहाल शुष्क बना रहेगा। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल के निचले इलाकों में चटक धूप के कारण तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। बुधवार को देहरादून में अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि कुछ अन्य मैदानी इलाकों में पारा 40 डिग्री तक पहुंच गया। गर्मी और उमस के कारण लोग बेहाल हैं और सड़कों पर दोपहर के समय सन्नाटा पसरा हुआ नजर आया।
पर्वतीय क्षेत्रों में हालांकि दिन की शुरुआत साफ मौसम के साथ हुई, लेकिन दोपहर के बाद बादल छाने लगे और कुछ ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश भी दर्ज की गई। इससे तापमान में थोड़ी गिरावट जरूर आई लेकिन आंधी और बिजली गिरने की संभावना ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे खराब मौसम के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
वायु प्रदूषण भी बढ़ा चिंता का कारण
देहरादून में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) तेजी से बिगड़ रहा है। बुधवार को एक्यूआई 133 तक पहुंच गया, जो ‘हानिकारक’ श्रेणी में आता है। पिछले दो दिनों में यह स्तर लगभग दोगुना हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार धूल, वाहनों का धुआं और शुष्क मौसम इसके प्रमुख कारण हैं। मई के आरंभ में हुई हल्की बारिश के कारण वायु की गुणवत्ता में थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन अब एक बार फिर प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी से स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं।
उत्तराखंड में मौसम का मिजाज एक ओर जहां गर्मी से राहत की उम्मीद दे रहा है, वहीं दूसरी ओर आंधी और आकाशीय बिजली जैसी घटनाओं से सावधानी बरतने की आवश्यकता है। खासकर पर्वतीय जिलों में रहने वाले लोगों और चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने की सलाह दी गई है। मैदानी क्षेत्रों में फिलहाल गर्मी और प्रदूषण की दोहरी मार से निपटने की चुनौती बनी हुई है।