जो बोले सो निहाल’ के जयकारों से गूंजा आसमान, पंज प्यारों का भव्य नगर कीर्तन
Earlier, on May 22, the yatra was formally inaugurated from Gurudwara Shri Hemkunt Sahib, Laxman Jhula route, Rishikesh

जो बोले सो निहाल’ के जयकारों से गूंजा आसमान, पंज प्यारों का भव्य नगर कीर्तन : चमोली जिले में स्थित प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्री हेमकुण्ट साहिब जी के कपाट आगामी 25 मई को पारंपरिक अरदास के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इससे पहले, 22 मई को ऋषिकेश स्थित गुरुद्वारा श्री हेमकुण्ट साहिब, लक्ष्मण झूला मार्ग से यात्रा का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस पावन यात्रा की शुरुआत राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पंज प्यारों के नेतृत्व में पहले जत्थे को रवाना कर के की गई।
यात्रा के शुभारंभ के इस विशेष अवसर पर गुरुद्वारा परिसर और दरबार हॉल को आकर्षक फूलों, रोशनी और सजावट से सजाया गया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दरबार हॉल में पहुंचकर गुरु महाराज के चरणों में मत्था टेका और उपस्थित श्रद्धालुओं को सिरोपा, प्रसाद एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किए। इस अवसर पर गुरुद्वारा ट्रस्ट के अध्यक्ष सरदार नरेन्द्रजीत सिंह बिंद्रा ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री को श्री हेमकुण्ट साहिब जी की तस्वीर, साहिब और सिरोपा भेंट में दिया।
गुरमत संगीत बाल विद्यालय के छात्रों और रागी जत्थों द्वारा प्रस्तुत गुरबाणी कीर्तन ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। पंज प्यारों की अगुवाई में, बैंड-बाजों की धुन और “जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के गगनभेदी नारों के साथ श्रद्धालुओं का जत्था पुष्पवर्षा के बीच अगले पड़ाव की ओर रवाना हुआ मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी श्रद्धालुओं से यात्रा की गरिमा बनाए रखने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी धाम यात्राओं के लिए खुले हैं और सरकार ने यात्रा को सुगम बनाने हेतु पुख्ता इंतज़ाम किए हैं।
राज्यपाल ने भी अपने संबोधन में सिख धर्म की गौरवशाली परंपराओं और हेमकुण्ट साहिब यात्रा के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने सभी यात्रियों के सुखद, शांतिपूर्ण और सुरक्षित यात्रा की कामना करते हुए गुरु महाराज के समक्ष अरदास की यात्रा आरंभ करने से पूर्व, महामहिम और मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा लंगर हॉल में बैठकर लंगर प्रसाद ग्रहण किया और सेवा परंपरा की सराहना की।