Uttarakhand में नई राजस्व संहिता और भू-कानून में संशोधन
The Uttarakhand government has prepared a new plan to change the state's land laws and revenue code.

Uttarakhand : उत्तराखंड सरकार ने राज्य के भू-कानून और राजस्व संहिता में बदलाव के लिए नई योजना तैयार की है। हालांकि, इसमें देरी हो सकती है क्योंकि राज्य सरकार पहले भू-कानून में संशोधन करने की प्रक्रिया में जुटी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के भूमि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का संकल्प लिया है, जिससे यह तय किया गया है कि नया भू-कानून अगले बजट सत्र में पेश किया जाएगा। संशोधित भू-कानून राजस्व संहिता का अहम हिस्सा होगा, और इसी कारण राजस्व संहिता का निर्माण प्रक्रिया भी थोड़ी धीमी हो सकती है।
उत्तराखंड में नई राजस्व संहिता की तैयारी पिछले पांच वर्षों से चल रही है। राज्य सरकार ने इस पर काम करने के लिए एक विशेष समिति बनाई थी, जिसने इसके ड्राफ्ट को तैयार करने की जिम्मेदारी राजस्व परिषद को सौंप दी थी। परिषद पहले ही इसका ड्राफ्ट तैयार कर समिति को सौंप चुकी है, और इसे राज्य की नई परिस्थितियों के अनुरूप संशोधित किया जा रहा है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक में ड्राफ्ट पर विचार-विमर्श किया गया था, और अब इसे राज्य की जरूरतों के अनुसार संशोधित किया जा रहा है। इसके अलावा, एक उच्च स्तरीय समिति ने वर्तमान भू-कानून के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया है, और रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट में सुझाए गए बदलावों को राजस्व संहिता में समाहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के भूमि कानूनों के उल्लंघन के मामले पर कड़ा रुख अपनाया है और संबंधित अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त और मनमानी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इसके साथ ही, सरकार ने अगले बजट सत्र में संशोधित भू-कानून लाने का संकल्प लिया है। यह संशोधित कानून अगले वर्ष तक अस्तित्व में आ सकता है, और इसके बाद राजस्व संहिता में इसे शामिल किया जाएगा।
राजस्व संहिता की तैयारी राज्य की भविष्यवाणी के अनुसार की जा रही है, ताकि यह आने वाले 50 वर्षों तक राज्य की जरूरतों को पूरा कर सके। इस संहिता के माध्यम से प्रदेश के सभी भू-कानूनों की जानकारी एक स्थान पर उपलब्ध होगी, जिससे लोगों को भूमि संबंधित सभी नियमों को समझने में आसानी होगी।
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उत्तराखंड में नया भू-कानून बनाने के लिए सरकार ने एक विशेष प्रक्रिया शुरू की है। इसके तहत किसानों, बुद्धिजीवियों, पक्षकारों और अन्य हितधारकों से सुझाव लिए जा रहे हैं। इन सुझावों को राज्य सरकार तक पहुंचाने की डेडलाइन 16 दिसंबर तय की गई है। राज्य के सभी परगनों के सहायक कलेक्टर भूमि कानून में आवश्यक संशोधनों से संबंधित महत्वपूर्ण सुझाव एकत्र करेंगे, जिन्हें जिलाधिकारियों के माध्यम से राजस्व परिषद को भेजा जाएगा।
राजस्व परिषद इन सुझावों को एकत्र करके 16 दिसंबर तक शासन को भेजेगी, ताकि सरकार नए भू-कानून पर अंतिम फैसला ले सके। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है और कहा है कि अवैध भूमि खरीद-बिक्री पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जाएगा।