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108 एंबुलेंस पर प्रदेश सरकार का नया फैसला

An important step has been taken to make the response time of ambulances more effective.

प्रदेश सरकार ने इमरजेंसी सेवाओं में सुधार लाने और एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम को और प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब, यदि 108 इमरजेंसी एंबुलेंस तय समय पर मरीजों तक नहीं पहुँचती है, तो एंबुलेंस ऑपरेटिंग कंपनी पर जुर्माना तीन गुना बढ़ा दिया जाएगा। यह फैसला प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिया गया है, जिससे इमरजेंसी सेवाओं की गुणवत्ता और समय पर पहुंच सुनिश्चित हो सके।

रिस्पांस टाइम में बदलाव: प्रदेश में 108 एंबुलेंस सेवाओं का रिस्पांस टाइम पहले काफी ज्यादा था, जिससे कई बार इमरजेंसी मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता था। अब पर्वतीय क्षेत्रों में एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम 35 मिनट से घटाकर 20 मिनट कर दिया गया है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में इसे 20 मिनट से घटाकर 12 मिनट कर दिया गया है। इस बदलाव के बाद, लोगों को यह उम्मीद है कि अब इमरजेंसी स्थिति में समय पर सहायता मिल पाएगी, जो पहले मुश्किल था।

जुर्माने का नया प्रावधान: पिछले नियमों के तहत, यदि एंबुलेंस तय समय में नहीं पहुंचती थी तो एंबुलेंस ऑपरेटिंग कंपनी पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता था। लेकिन अब इसे बढ़ाकर तीन गुना कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर एंबुलेंस तय समय पर नहीं पहुंचती है, तो ऑपरेटिंग कंपनी को 3,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। इस कदम से सरकार का उद्देश्य एंबुलेंस की सेवा को और अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाना है।

आउटसोर्सिंग का निर्णय: इसी तरह की समस्याओं को देखते हुए सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है—108 एंबुलेंस सेवा और सरकारी अस्पतालों में विभागीय एंबुलेंस को आउटसोर्स करने का। पहले एंबुलेंस ऑपरेटिंग कंपनियां अक्सर खराब एंबुलेंस होने की शिकायत करती थीं, जिससे सेवाओं में देरी होती थी। अब, आउटसोर्सिंग के माध्यम से सरकार सुनिश्चित करना चाहती है कि एंबुलेंस की स्थिति बेहतर रहे और सेवा में कोई भी रुकावट न आए।

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272 एंबुलेंस का संचालन: प्रदेश में फिलहाल 108 इमरजेंसी एंबुलेंस की 272 गाड़ियां संचालित हो रही हैं। इनका संचालन एक निजी कंपनी द्वारा किया जा रहा है, लेकिन सरकार के नए फैसले से यह उम्मीद की जा रही है कि अब एंबुलेंस की संख्या और सेवा दोनों में सुधार होगा। साथ ही, अब एंबुलेंस संचालन कंपनियों पर अधिक जिम्मेदारी डाली जाएगी, ताकि वे समय पर सेवा प्रदान कर सकें।

 

 

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