सड़कें बनी खुदाई का शिकार योजनाओं की आड़ में जनता के पैसे की बर्बादी
As soon as one task is completed, another task is started

सड़कें बनी खुदाई का शिकार योजनाओं की आड़ में जनता के पैसे की बर्बादी : राजधानी देहरादून के कई इलाकों में इन दिनों विकास कार्यों के नाम पर सड़कों की बार-बार खुदाई की जा रही है। कभी गैस लाइन बिछाने, कभी सीवर लाइन, तो कभी केबल डालने के नाम पर सड़कों को बार-बार खोदा जाता है। स्थिति यह है कि एक काम पूरा होते ही दूसरा काम शुरू कर दिया जाता है, और उसी सड़क को फिर से खोद दिया जाता है। इससे न केवल जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि राज्य सरकार के पैसे की भी बड़ी बर्बादी हो रही है।
इस गंभीर मुद्दे पर भाजपा विधायक खजान दास ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि “यह इंजीनियरों की लापरवाही है, जो एक समन्वित योजना के तहत काम करने में विफल हो रहे हैं। एक ही सड़क को बार-बार खोदना और फिर निर्माण करना संसाधनों की बर्बादी है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि जब कोई कार्य शुरू किया जाए, तो उसे इस तरह से योजना बनाकर पूरा किया जाए कि आगे चलकर दोबारा खुदाई की आवश्यकता ही न पड़े।
विधायक खजान दास ने सुझाव दिया कि हमें कम से कम 50 वर्षों के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करना चाहिए, जिसमें भविष्य की सभी बुनियादी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जाएं। चाहे वह बिजली, पानी, सीवर या इंटरनेट केबल हो — सभी कार्य एक साथ या एक बार में पूरे किए जाएं ताकि बार-बार सड़क खोदने की जरूरत न पड़े।
स्थानीय लोगों की भी यही शिकायत है कि दिन-रात चल रही खुदाई ने उनकी दिनचर्या को प्रभावित कर दिया है। धूल, कीचड़ और ट्रैफिक की समस्या आम हो गई है। स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और व्यापारियों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है।
यह स्थिति विकास की अराजकता को दर्शाती है। जरूरत है कि नगर निकाय, पीडब्ल्यूडी, जल संस्थान, और बिजली विभाग मिलकर आपसी समन्वय से कार्य करें। जब तक सभी विभाग एक साझा योजना के तहत काम नहीं करेंगे, तब तक जनता को ऐसी परेशानियों से जूझना ही पड़ेगा।