उत्तराखंड में सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने बढ़ाई चिंता
The prices of vegetables have started skyrocketing.
उत्तराखंड में इस समय सब्जियों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं, जिससे गृहिणियों का रसोई बजट बुरी तरह प्रभावित हुआ है। विशेष रूप से, टमाटर और हरी सब्जियों के दाम में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। जहां कुछ सब्जियों के दाम फल से भी अधिक हो गए हैं, वहीं, बाजार में फलों और सब्जियों के फुटकर दामों ने आम लोगों की जेब पर बुरा असर डाला है। पछवादून क्षेत्र में नवरात्र से पहले ही फलों और सब्जियों की कीमतें तेजी से बढ़ने लगी हैं। टमाटर की कीमतें तो पहले ही ऊंचाई पर पहुंच चुकी हैं, और मिर्च का तीखापन बढ़ जाने के कारण इसकी कीमत भी बढ़ी है। हरी सब्जियों जैसे पालक, मेथी और धनिया की कीमतें भी आसमान छू रही हैं, जिससे गृहिणियों को अपने दैनिक उपयोग के लिए आवश्यक सामग्री खरीदने में कठिनाई हो रही है।
हालांकि मंडी में थोक में सब्जियां अपेक्षाकृत सस्ती मिल रही हैं, लेकिन जैसे ही ये बाजार में पहुंचती हैं, फुटकर में उनकी कीमतें बेतहाशा बढ़ जाती हैं। यह स्थिति न केवल गृहिणियों के लिए बल्कि पूरे बाजार के लिए चिंताजनक है। प्रशासन को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि उपभोक्ताओं को उचित दाम पर सब्जियां मिल सकें। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रशासन को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। मंकी-सेलिंग और दामों में मनमानी बढ़ोतरी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि बाजार में उचित मूल्य का संतुलन भी स्थापित किया जा सकेगा। वर्तमान में सब्जियों की बढ़ती कीमतें उत्तराखंड के परिवारों के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए सभी संबंधित पक्षों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। सब्जियों की उचित कीमतें सुनिश्चित करने से न केवल गृहिणियों का बजट संतुलित होगा, बल्कि बाजार में स्थिरता भी आएगी।