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Kedarnath में मंदाकिनी नदी में सीवर बहाए जाने पर एनजीटी का सख्त रुख

Complaints about sewage being discharged into the Mandakini river in Kedarnath.

Kedarnath में मंदाकिनी नदी में सीवर बहाए जाने की शिकायत पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्त रुख अपनाया है। एनजीटी ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि केदारनाथ क्षेत्र में सीवेज ट्रीटमेंट और ठोस कचरा प्रबंधन की स्थिति में सुधार के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। केदारनाथ, जो एक प्रमुख तीर्थस्थल है, वहां पर्यटकों की भारी भीड़ के कारण प्रतिदिन 1.667 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है। हालात यह हैं कि इस कचरे के निपटान के लिए कोई समुचित प्लांट नहीं है, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

इस मामले में न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने न्यायिक सदस्य जस्टिस अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल के साथ सुनवाई की। सुनवाई के दौरान एनजीटी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि केदारनाथ क्षेत्र में सीवेज ट्रीटमेंट और ठोस कचरा प्रबंधन की स्थिति का आकलन करने के लिए गठित समिति की संस्तुतियों पर गंभीरता से कार्रवाई की जाए स्थानीय निवासियों और पर्यावरण संरक्षण संगठनों ने लंबे समय से इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह न केवल स्थानीय पर्यावरण को प्रभावित करेगा, बल्कि तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ भी उत्पन्न कर सकता है।

एनजीटी ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वे प्रभावी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स स्थापित करें और ठोस कचरे के निपटान के लिए उचित प्रबंधन योजनाएँ बनाएं। इसके साथ ही, स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने और कचरा प्रबंधन को सुदृढ़ करने की भी आवश्यकता है।

 

 

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