तिरुपति बालाजी विवाद पर नई एसआईटी करेगी जांच
A new Special Investigation Team will now probe allegations that animal fat was found in offerings at the Tirupati Balaji temple
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी पाए जाने के आरोपों की जांच अब एक नई विशेष जांच टीम (एसआईटी) करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नई एसआईटी गठित करने के आदेश दिए हैं और स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार द्वारा बनाई गई विशेष जांच टीम अब इस मामले की जांच नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि यह मामला आस्था से जुड़ा है, इसलिए इसकी जांच एक स्वतंत्र एसआईटी द्वारा की जानी चाहिए। नई एसआईटी में कुल 5 सदस्य होंगे, जिनमें से दो सदस्य केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से होंगे, जिन्हें सीबीआई डायरेक्टर नामित करेंगे।
नई एसआईटी में शामिल अन्य दो सदस्य आंध्र प्रदेश पुलिस के होंगे, जिनका नामांकन राज्यपाल द्वारा किया जाएगा। इस टीम का पांचवां सदस्य खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) का एक वरिष्ठ अधिकारी होगा। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यदि इस मामले में सच्चाई का कोई अंश है, तो यह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि देशभर में भक्तों की संख्या काफी है और खाद्य सुरक्षा का मुद्दा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इससे पहले, मामले पर अपनी बात रखते हुए आंध्र प्रदेश सरकार के वकील ने कहा कि यदि किसी अधिकारी को एसआईटी में जोड़ने की आवश्यकता है, तो उन्हें कोई समस्या नहीं है। याचिकाकर्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने कोर्ट से अनुरोध किया कि सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की जांच किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौंप दे, न कि एसआईटी को। तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में चर्बी मिलने के आरोप ने भक्तों में चिंता पैदा कर दी है। नई एसआईटी की गठन से यह उम्मीद की जा रही है कि मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होगी, जिससे भक्तों की आस्था को सुरक्षित रखा जा सके। सभी की नजरें इस मामले पर होंगी कि जांच के परिणाम क्या होते हैं और इस गंभीर मुद्दे का समाधान कैसे किया जाता है।