केदारनाथ उपचुनाव, ऐश्वर्या रावत ने बिना टिकट नामांकन पत्र खरीदा
There was a ruckus within the Bharatiya Janata Party (BJP) over the Kedarnath assembly by-election.
केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के भीतर मचा घमासान राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का नया विषय बन गया है। जहां कांग्रेस ने अपने नेताओं को दिल्ली बुलाकर सुलह कर ली है, वहीं बीजेपी में बगावत के सुर उभरने लगे हैं। इसी बीच, बीजेपी नेता ऐश्वर्या रावत ने बिना टिकट के नामांकन पत्र खरीदकर स्थिति को और भी जटिल बना दिया है।
हाल ही में ऐश्वर्या रावत, जो शैलारानी रावत की बेटी हैं, ने बिना टिकट नामांकन पत्र खरीदने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गई हैं। यह घटना उस समय हुई है जब बीजेपी में टिकट को लेकर भारी चर्चा हो रही है। ऐश्वर्या का यह कदम बीजेपी के अंदर आपसी खींचतान को उजागर करता है, जहां कई नेता टिकट पाने के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
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बीजेपी में टिकट के लिए मची खींचतान ने पार्टी की आंतरिक राजनीति को और भी जटिल बना दिया है। 29 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख के बावजूद पार्टी ने अभी तक अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है। इस असमंजस के बीच, ऐश्वर्या रावत का नामांकन पत्र खरीदना एक बड़ा संकेत है कि वह पार्टी की राजनीतिक गतिशीलता को चुनौती देने के लिए तैयार हैं।
वहीं, कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रत्याशी के रूप में मनोज रावत का नाम लगभग तय कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर मनोज रावत के नाम पर सहमति बनी है। प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने भी उनके नाम पर मुहर लगाई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और अन्य वरिष्ठ नेताओं का भी मनोज रावत के समर्थन में खड़ा होना कांग्रेस के लिए एक मजबूत स्थिति दर्शाता है।