उत्तराखंड में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 18 गांवों का चयन
Uttarakhand, which is famous for its scenic beauty and religious significance, is now taking an important step to promote rural tourism as well.

उत्तराखंड, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, अब ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। राज्य सरकार ने 18 गांवों का चयन किया है, जिन्हें आयुष, वेलनेस, कृषि और विरासत जैसे क्षेत्रों में पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है, बल्कि सैलानियों को एक नई और अनूठी अनुभव प्रदान करना है, जो उन्हें उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और ग्रामीण जीवन के करीब लाए।
ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों ही ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही हैं। इस दिशा में उत्तराखंड ने पहली बार आयुष वेलनेस, कृषि और विरासत जैसे क्षेत्रों को पर्यटन के लिए चयनित किया है। इन गांवों को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे सैलानियों को न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद मिलेगा, बल्कि वे स्थानीय जीवनशैली, संस्कृति, कृषि कार्यों और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का भी अनुभव कर सकेंगे।
आयुष और वेलनेस पर्यटन
आयुष वेलनेस का मतलब केवल स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं से है, लेकिन उत्तराखंड में यह क्षेत्र पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को पुनर्जीवित करने का भी अवसर प्रदान करेगा। आयुर्वेद, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा और योग जैसी पद्धतियों का ग्रामीण इलाकों में पर्यटन के माध्यम से प्रचार-प्रसार होगा। यह पर्यटकों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक समग्र अनुभव देगा, जो उत्तराखंड की पहाड़ी जीवनशैली से मेल खाता है।
कृषि और विरासत पर्यटन
उत्तराखंड में कृषि भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इस राज्य के गांवों में ग्रामीण कृषि के दर्शन करने का मौका पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव होगा। किसान अपने पारंपरिक तरीकों से कृषि करते हैं, जो न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि इन किसानों को आर्थिक दृष्टि से भी सशक्त बनाएगा। इसके साथ ही, उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर, लोककला, और पारंपरिक भवन संरचनाएं भी पर्यटन का एक प्रमुख आकर्षण होंगी।
होमस्टे का प्रचार और सैलानियों के लिए सुविधाएं
इन 18 गांवों में होमस्टे की पहल को बढ़ावा दिया जाएगा। होमस्टे के माध्यम से सैलानी गांव के जीवन और संस्कृति का वास्तविक अनुभव प्राप्त करेंगे। यह न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण परिवारों के लिए आय का एक स्थिर स्रोत भी बनेगा। होमस्टे में रहकर पर्यटक स्थानीय व्यंजन, संगीत, और कला का अनुभव कर सकते हैं, जो उन्हें एक यादगार अनुभव प्रदान करेगा।
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गांवों को विकसित करने के लिए गठित टास्क फोर्स
इन 18 गांवों को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इस टास्क फोर्स में विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल होंगे, जो इन गांवों के विकास की योजना तैयार करेंगे। संबंधित विभागों की मुख्य भूमिका होगी, जबकि अन्य विभाग सहायक के रूप में योगदान देंगे।
चरणबद्ध तरीके से विकास
प्रारंभ में 18 गांवों का चयन किया गया है, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। राज्य सरकार का उद्देश्य यह है कि इन गांवों के माध्यम से ग्रामीण पर्यटन को एक नई दिशा दी जाए, जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ हो और साथ ही पर्यटकों को एक अद्भुत अनुभव प्राप्त हो।