केदारनाथ में हेलीकॉप्टर हादसा लैंडिंग के दौरान क्रैश हुई एयर एम्बुलेंस, बाल-बाल बचे पायलट व स्टाफ
Heli ambulance accident in Kedarnath, a major accident has already been averted in Gangotri

केदारनाथ में हेलीकॉप्टर हादसा लैंडिंग के दौरान क्रैश हुई एयर एम्बुलेंस, बाल-बाल बचे पायलट व स्टाफ : केदारनाथ में हेली एम्बुलेंस हादसा, बड़ा हादसा टला गंगोत्री में पहले ही ले चुका है जानलेवा रूप शनिवार को केदारनाथ धाम में एक बड़ा हादसा उस वक्त टल गया जब ऋषिकेश एम्स से मरीज को लेने आ रही हेली एम्बुलेंस लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ हेलिपैड से लगभग 20 मीटर पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया। राहत की बात यह रही कि इस दुर्घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। हेलिकॉप्टर में केवल पायलट सवार था, जो सुरक्षित है।
ऋषिकेश स्थित एम्स के पीआरओ संदीप कुमार ने इस दुर्घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह हार्ड लैंडिंग का मामला था, जिससे हेलिकॉप्टर की टेल बॉन (पूंछ हिस्सा) क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि हेलिकॉप्टर में कोई अन्य व्यक्ति सवार नहीं था, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अक्टूबर 2024 को एम्स की हेली एम्बुलेंस सेवा ‘संजीवनी’ का शुभारंभ किया था। इससे पहले 20 सितंबर 2022 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में इस सेवा की घोषणा की थी। यह हेली एम्बुलेंस सेवा केंद्र और उत्तराखंड सरकार की 50-50 फीसदी साझेदारी में संचालित हो रही है।
हेलिकॉप्टर हादसों की यह कोई पहली घटना नहीं है। 8 मई 2025 को गंगोत्री धाम की ओर जा रहा एक हेलिकॉप्टर गंगनानी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस भीषण दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें पांच महिलाएं शामिल थीं। एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था। हादसे के बाद हेलिकॉप्टर के दो टुकड़े हो गए थे। दो शव तो मलबे में ही फंस गए थे, जिन्हें निकालने के लिए हेलिकॉप्टर को काटना पड़ा। दुर्घटनास्थल 200 मीटर गहरी खाई में स्थित था, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी दिक्कतें आईं।
इन लगातार हो रही घटनाओं ने हवाई सुरक्षा प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तीर्थयात्रा के सीजन में हेलिकॉप्टर सेवाओं पर निर्भरता तेजी से बढ़ी है, ऐसे में एविएशन सुरक्षा मानकों की सख्ती से समीक्षा और सुधार की आवश्यकता स्पष्ट रूप से महसूस की जा रही है।
उत्तराखंड में तीर्थाटन और आपातकालीन सेवाओं के लिए हेली सेवा अहम भूमिका निभा रही है, लेकिन घटनाएं यह संकेत देती हैं कि बिना मजबूत सुरक्षा व्यवस्था के यह सुविधा जानलेवा साबित हो सकती है।