हर हफ्ते ऋषिकेश जाने वालों के लिए खुशखबरी, कल फिर से शुरू होने वाली है रिवर राफ्टिंग
Jaspal Chauhan, Secretary of the Ganga River Rafting Management Committee, said that the rafting was closed due to heavy rains.

हर हफ्ते ऋषिकेश जाने वालों के लिए खुशखबरी, कल फिर से शुरू होने वाली है रिवर राफ्टिंग :- उत्तराखंड के ऋषिकेश में कौड़ियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में 27 सितंबर से गंगा नदी में राफ्टिंग का रोमांच एक बार फिर लौट रहा है। पर्यटन विभाग की टेक्निकल टीम और प्रशिक्षित गाइडों ने गंगा नदी की रेकी रन कर राफ्टिंग के लिए सुरक्षित होने की रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी है।
प्रशासन द्वारा इसे मंजूरी मिलने के बाद पर्यटकों के लिए राफ्टिंग गतिविधि पुनः शुरू की जा रही है, जिससे पर्यटन क्षेत्र को नया जीवन मिलेगा और स्थानीय रोजगार बढ़ने की उम्मीद है।
जलस्तर सामान्य, सुरक्षा इंतजाम निरीक्षण के बाद हरी झंडी
गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति के सचिव जसपाल चौहान ने बताया कि भारी बारिश के कारण बंद चल रही राफ्टिंग अब फिर से शुरू होने जा रही है। पहाड़ों में बारिश के रुकने और गंगा के जलस्तर के लगभग सामान्य स्तर (338 मीटर) पर आने के बाद मरीन ड्राइव से मुनिकीरेती तक टेक्निकल टीम ने सुरक्षा इंतजामों का निरीक्षण किया।
रिपोर्ट में राफ्टिंग के लिए सभी तैयारियां पूरी पाए जाने की पुष्टि की गई है। राफ्टिंग ऑपरेटर और प्रशिक्षित गाइड उत्साहित हैं, और अब पर्यटक सुरक्षित रूप से गंगा नदी में एडवेंचर sports का आनंद ले सकेंगे।
टेक्निकल और जीएनआर कमेटी की टीम ने गंगा में बड़ा ट्रायल किया, जिसमें 10 कयाक और 35 राफ्ट को नदी में उतारा गया और सभी सुरक्षा मानकों को परखा गया। सफल ट्रायल के बाद अब 27 सितंबर से पर्यटक राफ्टिंग का रोमांचक अनुभव ले सकेंगे। जल स्तर बढ़ने के कारण 24 जून को राफ्टिंग पर रोक लगाई गई थी।
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उत्तराखंड रिवर राफ्टिंग एवं कयाकिंग नियमावली के तहत एक सितंबर से तीस जून तक गंगा में राफ्टिंग होती है। जिसके लिए पर्यटन विभाग तकनीकी टीम के साथ मिलकर निर्णय लेती हैं। तकनीकी टीम ने मरीन ड्राइव से लेकर खारास्रोत मुनि की रेती तक गंगा नदी में रेकी की।
अभियान में रिवर गाइडों के अलावा पर्यटन विभाग, आईटीबीपी शिवपुरी, वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे। बुधवार को 10 क्याकर्स, छह राफ्टों के साथ करीब 30 लोगों ने मरीन ड्राइव से लेकर खारास्रोत मुनि की रेती तक गंगा नदी में रेकी की।