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5 साल में GDP दोगुना, 14 नई नीतियां तैयार, कैबिनेट मंजूरी जल्द

The state government has prepared drafts of 14 new policies.

उत्तराखंड राज्य सरकार ने 2027 तक राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को 346,206 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,47,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ने 14 नई नीतियों के ड्राफ्ट तैयार किए हैं, जिन्हें “गेम चेंजर” के रूप में देखा जा रहा है। इन नीतियों को अगले दो महीनों में राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने यह लक्ष्य निर्धारित किया है कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को 2027 तक दोगुना किया जाएगा। इसके साथ ही, 2030 तक राज्य की जीडीपी को 7,68,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है। यह सरकार की ‘सशक्त उत्तराखंड@25’ योजना का हिस्सा है, जो राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई रणनीतिक कदम उठा रही है।

14 नई नीतियों का ड्राफ्ट तैयार

उत्तराखंड सरकार की ओर से तैयार की गई 14 नई नीतियां कृषि, अवस्थापना, पर्यटन, आयुष और वित्त जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़ी हैं। इन नीतियों के माध्यम से सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ लाखों रोजगार के अवसर उत्पन्न करने का लक्ष्य रखती है।

  1. ग्रीन हाइड्रोजन नीति – यह नीति राज्य में हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है, जिससे ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।
  2. प्रधान नीति – यह नीति राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और उनके समग्र उत्थान पर केंद्रित है। इसके माध्यम से ग्रामीण विकास को और गति देने का प्रयास किया जाएगा।
  3. जियोथर्मल नीति – इस नीति का उद्देश्य राज्य में भू-तापीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है, जिससे ऊर्जा संकट को कम किया जा सके।
  4. पैसेंजर चार्टर-हेली सर्विस नीति – यह नीति राज्य के पर्यटन क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए तैयार की गई है, जिससे हेली टैक्सी और अन्य एयर ट्रांसपोर्ट सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।
  5. योगा पॉलिसी – यह नीति राज्य को ‘योग की राजधानी’ के रूप में स्थापित करने के लिए बनाई गई है, ताकि योग पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।
  6. लाभांश नीति – इस नीति के जरिए राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों से होने वाले लाभांश को बढ़ाने के उपायों पर विचार किया जाएगा।
  7. सार्वजनिक उपक्रम इकाइयों की मॉनिटरिंग नीति – इस नीति का उद्देश्य सरकारी उपक्रमों की कार्यकुशलता को बढ़ाना और उन्हें वित्तीय रूप से मजबूत बनाना है।

पुरानी नीतियों का संशोधन

सरकार केवल नई नीतियों पर ही ध्यान नहीं दे रही है, बल्कि पुरानी नीतियों को भी वर्तमान जरूरतों और भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया जा रहा है। अब तक सरकार 30 से अधिक नीतियां तैयार कर उन्हें लागू कर चुकी है। इनमें कृषि, उद्योग, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा और वित्तीय क्षेत्र की नीतियां शामिल हैं, जो राज्य के विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं। इन नीतियों के जरिए राज्य सरकार ने न केवल विकास की गति तेज की है, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास को भी नई दिशा दी है। साथ ही, इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना और रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना है।

इन नई नीतियों का मुख्य उद्देश्य राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इन नीतियों के माध्यम से न केवल जीडीपी को दोगुना किया जाए, बल्कि लाखों नई नौकरियां भी पैदा की जाएं। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण, हरित ऊर्जा उत्पादन, और पर्यटन क्षेत्र के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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