Digital Arrest Scam : उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने की पहली गिरफ्तारी
The Special Task Force (STF) has made the first arrest in the fast-growing digital arrest scam.
Digital Arrest Scam : उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने तेजी से बढ़ रहे डिजिटल अरेस्ट स्कैम में पहली गिरफ्तारी की है। हरिद्वार के सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में स्थित नोवेचर इलेक्ट्रिकल एंड डिजिटल सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के वाइस चेयरमैन को तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर उनसे 43 लाख रुपये ठगने वाले एक साइबर ठग को भिलाई (दुर्ग), छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किया गया है। इस डिजिटल अरेस्ट स्कैम में ठग ने वाइस चेयरमैन को यह विश्वास दिलाया कि वे किसी कानूनी समस्या में फंसे हैं। इसके बाद ठग ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया और डराकर पैसे मांगने लगा। तीन घंटे तक चले इस खेल में वाइस चेयरमैन ने अपने खाते से 43 लाख रुपये ठग को ट्रांसफर कर दिए।
एसटीएफ को ठग की अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता के सबूत भी मिले हैं। उसकी जांच के दौरान यह पाया गया कि उसके बैंक खाते से एक करोड़ 27 लाख रुपये का संदिग्ध लेनदेन हुआ है। यह दर्शाता है कि ठग का नेटवर्क कितना व्यापक हो सकता है। इस मामले की शुरुआत तब हुई जब जालंधर (पंजाब) निवासी सरनजीत सिंह ने साइबर थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि वह वर्तमान में हरिद्वार के शिवालिक नगर में रहते हैं और नोवेचर कंपनी के वाइस चेयरमैन हैं। उनकी शिकायत के आधार पर एसटीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ठग को गिरफ्तार किया।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम जैसे अपराधों के बढ़ते मामलों के बीच उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ की यह गिरफ्तारी महत्वपूर्ण है। यह न केवल अपराधियों को पकड़ने में मदद करेगी, बल्कि अन्य संभावित पीड़ितों को भी सतर्क रहने के लिए प्रेरित करेगी। लोगों को इस प्रकार के धोखाधड़ी से बचने के लिए जागरूक रहना आवश्यक है और किसी भी संदेहास्पद स्थिति में तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए।