देहरादून
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डीएम सविन बंसल की नीति संवारेगी भिक्षुक बच्चों का भविष्य

The initiative of District Magistrate Savin Bansal towards freeing Dehradun from child begging is growing rapidly.

देहरादून को बाल भिक्षावृत्ति (Child Begging) से मुक्त करने की दिशा में जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल तेजी से बढ़ रही है। भिक्षावृत्ति उन्मूलन के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक में जिलाधिकारी ने भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किए गए बच्चों के लिए तैयार किए गए माइक्रो प्लान को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही, इन बच्चों को सुरक्षित वातावरण में रखने और उनकी शिक्षा को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सामाजिक संगठनों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

भिक्षावृत्ति उन्मूलन के लिए माइक्रो प्लान को मंजूरी

जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में भिक्षावृत्ति उन्मूलन की योजना पर काम तेजी से चल रहा है। इस योजना के तहत, कक्षा-7 और उससे ऊपर के बच्चों को स्कूलों में लाने के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया गया है। इसके लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी और बाल विकास अधिकारी ने इस प्लान को तैयार किया था, जिसे जिलाधिकारी ने अनुमोदित कर दिया है। अब इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।

इसके अलावा, राज्य सरकार ने इस मॉडल को पूरे राज्य में लागू करने के लिए शिक्षा मंत्री से कैबिनेट में प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया है, ताकि प्रदेश भर में भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में कदम उठाए जा सकें।

रेस्क्यू और इंटेंसिव केयर शैल्टर

रेस्क्यू किए गए बच्चों के लिए देहरादून में ‘इंटेंसिव केयर शैल्टर’ का काम शुरू हो गया है। यह शैल्टर साधूराम इंटर कॉलेज में स्थापित किया जा रहा है, जो जल्द ही पूर्ण हो जाएगा। इस शैल्टर में बच्चों को सुरक्षित माहौल मिलेगा, जहां उनके व्यवहार में सुधार करने के लिए विभिन्न एक्टिविटी आयोजित की जाएंगी।

इसके अलावा, भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किए गए बच्चों को शैल्टर लाने के लिए 3 वाहन भी जिला प्रशासन को मिल गए हैं, जिन्हें विशेष रूप से इस ऑपरेशन के लिए मॉडिफाई किया जा रहा है। ये वाहन पेट्रोलिंग करते हुए बच्चों को रेस्क्यू करेंगे और उन्हें इंटेंसिव केयर शैल्टर में लाएंगे। मुख्यमंत्री जी इस ऑपरेशन को इस महीने हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

बच्चों के लिए शिक्षा और खेल गतिविधियाँ

रेस्क्यू किए गए बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए शैल्टर में विभिन्न गतिविधियाँ शुरू की जाएंगी। बच्चों के लिए खेल से लेकर बेसिक लर्निंग एक्टिविटी तक सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें और उनका भविष्य संवर सके।

इंटेंसिव केयर शैल्टर में पहले चरण में 3 कक्ष तैयार किए जा रहे हैं, और जल्द ही एक मल्टी एक्टिविटी हॉल भी तैयार किया जाएगा, जिसमें बच्चों को खेल और शिक्षा के माध्यम से सुधारने की कोशिश की जाएगी।

प्रशासन का सहयोग

जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को सफल बनाने में प्रशासन के विभिन्न अधिकारियों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, और ईई आरडब्ल्यूडी विनीत कुरीन को इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए धन्यवाद दिया।

वर्तमान में इस योजना के तहत, निरंतर ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं और बच्चों को रेस्क्यू किया जा रहा है। 12 होमगार्ड को अलग-अलग चौराहों पर ड्यूटी पर तैनात किया गया है, और भिक्षावृत्ति करते बच्चों को रेस्क्यू किया जा रहा है।

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बैठक में शामिल अधिकारी

इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, अपर नगर आयुक्त नगर निगम बीर सिंह बुदियाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय जैन, जिला बाल किवास अधिकारी मीना बिष्ट, पुलिस क्षेत्राधिकारी, आसरा, सरफीना, समर्पण एनजीओ के पदाधिकारी, जिला बाल कल्याण और संरक्षण समिति (डीसीडब्ल्यूपीसी) एवं बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूपीसी) व चाइल्ड हेल्पलाइन के पदाधिकारी/प्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

 

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