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बद्रीनाथ धाम यहां कुत्ते क्यों नहीं भौंकते? रहस्यमय मंदिर और अद्भुत प्राकृतिक नियम!

It is included in both the Char Dham and Chota Char Dham i.e. Himalayan Char Dham Yatra.

बद्रीनाथ धाम यहां कुत्ते क्यों नहीं भौंकते? रहस्यमय मंदिर और अद्भुत प्राकृतिक नियम! :- उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे ब्रदीनाथ धाम स्थित है. यह भारत के सबसे पवित्र और प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है।

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इसे चारधाम और छोटे चार धाम यानी हिमालयन चार धाम दोनों यात्राओं में शामिल किया जाता है . बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु निवास करते हैं. माना जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां बदरी वृक्ष के नीचे तपस्या की थी, इसलिए इस जगह का नाम बद्रीनाथ पड़ा।

आपको जानकार हैरानी होगी कि बद्रीनाथ धाम में कोई भी कुत्ता भौंकता नजर नहीं आता है. केवल कुत्ता ही नहीं, बल्कि आकशीय बिजली चमकेगी लेकिन कड़केगी नहीं, बादल बरसेगा लेकिन गर्जेगा का नहीं और इसके पीछे का कारण काफी ज्यादा रोचक है.दरअसल बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु ध्यान मुद्रा में है और प्राकृतिक से लेकर जानवर हर कोई उनकी तपस्या में साथ दे रहा है. वहां जाने वाले भक्तों से भी इसी बात की उम्मीद की जाती है कि वो प्राकृतिक का सहयोग करें।

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बद्रीनाथ मंदिर समुद्रतल से करीब 3 हजार मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित है. मंदिर की वास्तुकला नागर शैली पर आधारित है.गर्भगृह के अंदर भगवान विष्णु की शालिग्राम शिला से बनी काली पत्थर की मूर्ति विराजमान है, जिसे बद्रीनाथ कहा जाता है. मूर्ति पद्मासन में है और चार भुजाओं वाले विष्णु के रूप को दर्शाती है।

Leena Kumari

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