समान नागरिक संहिता में संशोधन से नेपाली-भूटानी नागरिकों को राहत
With this amendment, major problems faced in marriage registration of citizens of Uttarakhand with citizens of Nepal, Bhutan and Tibet origin will be resolved.

समान नागरिक संहिता में संशोधन से नेपाली-भूटानी नागरिकों को राहत :- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (UCC) में एक बार फिर संशोधन को मंजूरी दी गई है।
इस संशोधन से अब नेपाल, भूटान और तिब्बत मूल के नागरिकों के साथ उत्तराखंड के नागरिकों के विवाह पंजीकरण में आ रही बड़ी दिक्कतें दूर हो जाएंगी, गौरतलब है कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने 27 जनवरी 2025 को समान नागरिक संहिता लागू की थी। इसके तहत विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, और live-in संबंधों से जुड़े नियम एक समान किए गए थे।
लेकिन विदेशी मूल के नागरिकों से विवाह के मामलों में आधार कार्ड की शर्त से कई जोड़ों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। अब नेपाली और भूटानी नागरिकों को विवाह पंजीकरण के लिए आधार कार्ड की जगह नागरिक प्रमाण पत्र या भारत में 182 दिन से अधिक निवास का प्रमाण देना होगा। वहीं, तिब्बती मूल के नागरिकों को विदेशी पंजीकरण अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा…..पहले इन देशों के नागरिकों के पास आधार कार्ड न होने के कारण विवाह पंजीकरण में गंभीर दिक्कतें आ रही थीं।
कई विवाह आवेदन महीनों तक लंबित रह जाते थे या निरस्त हो जाते थे। अब संशोधन के बाद यह प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बन जाएगी……सरकार का कहना है कि यह बदलाव UCC लागू होने के बाद सामने आई व्यावहारिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया गया है। कैबिनेट ने इस निर्णय को सर्वसम्मति से पारित किया।