उत्तराखंड की सड़कों के विकास की नई योजनाएँ
उत्तराखंड की कई प्रमुख सड़कों को टू लेन में बदलने का कार्य शुरू

केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने हाल ही में काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा आमजनमानस के लिए लागू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के 100 दिन पूरे होने पर सामाजिक ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जो विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अजय टम्टा ने बताया कि उत्तराखंड की कई प्रमुख सड़कों को टू लेन में बदलने का कार्य शुरू किया गया है। इनमें अल्मोड़ा-बागेश्वर रोड का पहला पैकेज, जिसकी लागत लगभग 4.50 करोड़ रुपये है, शामिल है। इसके अलावा, काठगोदाम से नैनीताल तक टू लेन सड़क बनाने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है।
विशेष रूप से, ज्योलिकोट से भवाली, अल्मोड़ा से रानीखेत और कर्णप्रयाग तक की सड़कें भी इस परियोजना के तहत विस्तारित की जाएँगी। इसके साथ ही धारचूला से गुंजी तक की सड़कें भी टू लेन में बदलने का प्रस्ताव है, जिससे उत्तराखंड के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति में सुधार होगा। अजय टम्टा ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 9 के 58 किलोमीटर में चौड़ीकरण का कार्य शुरू किया गया है, जिसमें 384 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह परियोजना लिपुलेख से माउंट कैलाश तक की यात्रा को सुगम बनाएगी, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। कार्य की अवधि दो वर्ष निर्धारित की गई है।
चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए, केदारनाथ और यमुनोत्री को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग का चौड़ीकरण सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति से स्वीकृति प्राप्त कर चुका है। यमुनोत्री में 25.08 किलोमीटर और केदारनाथ में 13 किलोमीटर की सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा। चंपावत में दो लेन की पेव्ड शोल्डर सड़क निर्माण परियोजना की डीपीआर प्रगति में है, जिसकी लागत 307 करोड़ रुपये है। यह परियोजना चंपावत शहर में यातायात की भीड़भाड़ को कम करेगी। इसी तरह, ऋषिकेश बाईपास चार लेन का निर्माण भी किया जा रहा है, जो 10.88 किलोमीटर लंबा होगा और इसकी लागत 1414 करोड़ रुपये है। यह परियोजना चारधाम यात्रियों को यातायात जाम से राहत दिलाने में सहायक सिद्ध होगी।
उत्तराखंड में 8 प्रमुख हाई-स्पीड कॉरिडोर और रिंग रोड परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया गया है, जिनमें आगरा-ग्वालियर, खरगपुर-मोरेग्राम और कानपुर रिंग रोड जैसी परियोजनाएँ शामिल हैं। ये परियोजनाएँ देश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा समय में 50 से 60 प्रतिशत तक की कमी लाने में सहायक होंगी। केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने प्रेस वार्ता में यह स्पष्ट किया कि केन्द्र सरकार उत्तराखंड की सड़कों को विकसित करने के लिए गंभीर है और ये परियोजनाएँ न केवल यात्रा को सुगम बनाएँगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास और रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी। आने वाले वर्षों में इन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से उत्तराखंड की सड़कों की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा, जिससे राज्य का समग्र विकास होगा।