देहरादून के मकान मालिकों की मनमानी और किरायेदारों की जागरूकता पर आधारित है
Now the landlords should be cautious. The tenants will not sit quiet now

देहरादून के मकान मालिकों की मनमानी और किरायेदारों की जागरूकता पर आधारित है : अब सावधान हो जाओ देहरादून के मकान मालिक , किरायेदार अब नहीं बनेंगे शिकार देहरादून में मकान मालिकों द्वारा की जा रही मनमानी पर अब सवाल उठने लगे लोग सुविधाओं के नाम पर धोखा देना और बिना किसी लिखित एग्रीमेंट के जबरदस्ती शर्तें थोपना एक आम बात बन गई थी लेकिन अब समय बदल रहा है।
शहर में यह देखना बेहद निराशाजनक हैं कि कई मकान मालिक बुनियादी सुविधाएं जैसे कि पानी, बिजली, सफाई आदि के नाम पर अतिरिक्त पैसे वसूलते हैं, और वह भी बिना रसीद या किसी लीगल डॉक्युमेंट के। कुछ मामले तो ऐसे भी सामने आए हैं, जहाँ किरायेदारों को अचानक घर खाली करने के लिए कह दिया गया क्योंकि किसी और से ज़्यादा किराया मिल रहा था।
अब समय आ गया है कि किराएदारी को एक व्यवस्थित और पारदर्शी प्रक्रिया बनाया जाए। किरायेदारों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी प्रॉपर्टी में शिफ्ट होने से पहले उचित किरायानामा (Rent Agreement) ज़रूर बनवाएं। उसमें सभी शर्तें स्पष्ट रूप से लिखी जाएं – किराया, जमा राशि, सुविधाएं, अनुबंध की अवधि आदि।
वहीं, मकान मालिकों को भी समझना होगा कि झूठ बोलकर या जबरदस्ती करके ज्यादा किराया वसूलने की कोशिश अब सफल नहीं होगी। ऐसा करने पर वे कानूनी कार्रवाई के पात्र हो सकते हैं।
सरकार से भी मांग उठ रही है कि रेंटल रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाए और किराया निर्धारण के लिए कोई रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार किया जाए, ताकि दोनों पक्षों के अधिकार सुरक्षित रहें।
अब मकान मालिकों को सावधान हो जाना चाहिए। किरायेदार अब चुप नहीं बैठेंगे।