नैनीताल में अधिकारियों की गिरफ़्तारी से मचा हड़कंप, 1.20 रिश्वत लेते हुए पकड़े गए
Taking a major action against corruption in Nainital.

नैनीताल में अधिकारियों की गिरफ़्तारी से मचा हड़कंप, 1.20 रिश्वत लेते हुए पकड़े गए : नैनीताल में भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक बड़ी कार्रवाई करते हुए विजिलेंस विभाग ने शुक्रवार को मुख्य कोषाधिकारी और लेखधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों अधिकारियों पर ₹1.20 लाख की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने का आरोप है। यह कार्रवाई सतर्कता अधिष्ठान हल्द्वानी की टीम द्वारा की गई।
सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस टीम शुक्रवार शाम लगभग 4:30 बजे नैनीताल पहुंची थी। लगभग पांच बजे कार्रवाई करते हुए टीम ने मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा और लेखाधिकारी बसंत कुमार जोशी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय, नैनीताल में की गई। गिरफ्तार अधिकारियों से मौके पर ही पूछताछ शुरू की गई और दस्तावेजी कार्रवाई रात आठ बजे तक जारी रही।
विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि एक व्यक्ति, जो नैनीताल न्यायालय में कार्यरत है, ने सतर्कता अधिष्ठान में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह और उसके पांच अन्य सहयोगी एसीपी (एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) लाभ के लिए पात्र थे, जिसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी में वरिष्ठ कोषाधिकारी नैनीताल, मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा और एक अन्य अधिकारी शामिल थे।
कमेटी के दो सदस्यों ने समय पर हस्ताक्षर कर दिए, परंतु मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा हस्ताक्षर करने में टालमटोल कर रहे थे। बार-बार मांग करने पर उनके अधीनस्थ लेखाधिकारी बसंत कुमार जोशी ने शिकायतकर्ता से संपर्क किया और कहा कि सीटीओ साहब (मुख्य कोषाधिकारी) का कहना है कि कुल एरियर राशि पांच से छह लाख रुपये बन रही है और प्रत्येक कर्मचारी से ₹50,000 लिए जाएं। इस प्रकार कुल छह लोगों से ₹3 लाख की मांग की गई, जिसमें से ₹1.20 लाख की पहली किश्त तय हुई।
प्राथमिक जांच में शिकायत सही पाए जाने के बाद सतर्कता अधिष्ठान हल्द्वानी के पुलिस उपाधीक्षक अनिल मनराल और निरीक्षक भानु आर्या के नेतृत्व में ट्रैप टीम गठित की गई। योजना के अनुसार, शिकायतकर्ता ने तय स्थान पर जाकर अधिकारियों को ₹1.20 लाख की नकद राशि सौंपी, जिस दौरान टीम ने दोनों अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के पश्चात दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। विजिलेंस टीम अब आगे की पूछताछ और जांच में जुट गई है। इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए पुलिस उपाधीक्षक अनिल मनराल ने बताया कि इस मामले में ठोस साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और आरोपियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
इस बड़ी सफलता पर निदेशक सतर्कता डॉ. वी. मुरूगेशन ने ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त संदेश है और सतर्कता विभाग ऐसे ही मामलों में सक्रियता से कार्रवाई करता रहेगा।