चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए सीएम धामी के निर्देश
The Chief Minister said that the visit to these religious places is associated with the honour and honour of the state and there is a need for extensive preparations for the upcoming Char Dham Yatra.

उत्तराखंड के चार प्रमुख धार्मिक स्थल – बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री – की चारधाम यात्रा को और अधिक सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सरकार के अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन धार्मिक स्थलों की यात्रा राज्य की मान और सम्मान से जुड़ी हुई है और आगामी चारधाम यात्रा के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की आवश्यकता है।
यात्रा प्राधिकरण बनाने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा
मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा के बेहतर प्रबंधन के लिए यात्रा प्राधिकरण की स्थापना की प्रक्रिया 30 जनवरी, 2025 तक पूरी कर ली जाए। इस यात्रा प्राधिकरण का उद्देश्य यात्रियों की पंजीकरण व्यवस्था, यातायात प्रबंधन और अन्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाना होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 15 जनवरी तक चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और संबंधित हितधारकों से बैठक कर उनके सुझाव लिए जाएं, ताकि यात्रा की व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जा सके।
डिजिटल तकनीक का बेहतर उपयोग
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पंजीकरण व्यवस्था को डिजिटल तकनीक के माध्यम से और अधिक सशक्त बनाने पर जोर दिया। इससे यात्रियों को पंजीकरण में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी और यात्रा की सारी व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित हो सकेंगी। यह कदम यात्रा के दौरान होने वाली भीड़-भाड़ और ट्रैफिक जाम को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
अवस्थापना सुविधाओं का विकास
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा ताकि इन धामों की धारण क्षमता बढ़ाई जा सके। उन्होंने कहा कि चारों धामों के आसपास के क्षेत्रों में यातायात, पार्किंग, शौचालय, पेयजल, स्वच्छता और अन्य मूलभूत सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके अलावा, उन्होंने शीतकालीन प्रवास स्थलों पर भी यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए। इससे शीतकालीन यात्रा के दौरान भी चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित रहेंगी।
पौराणिक और आध्यात्मिक स्थलों का विकास
मुख्यमंत्री ने चारों धामों के आसपास के पौराणिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के विकास पर भी विशेष ध्यान देने की बात की। उन्होंने पंच बद्री और पंच केदार के महत्व को व्यापक स्तर पर प्रचारित करने और उनके सुनियोजित विकास की आवश्यकता पर बल दिया।
यातायात और पंजीकरण व्यवस्थाओं के सुधार के उपाय
भारतीय प्रबंधन संस्थान रोहतक के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने बैठक में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से चारधाम यात्रा के दौरान आई प्रमुख कठिनाइयों और उनके समाधान के लिए प्रस्ताव दिए। उन्होंने यातायात प्रबंधन और पंजीकरण व्यवस्था को और मजबूत करने पर भी विचार किया। इस प्रस्तुतीकरण में यह सुझाव दिया गया कि बेहतर यातायात व्यवस्था और पंजीकरण प्रणाली से यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
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बैठक में उपस्थित अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, श्री सचिव कुर्वे, विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग भाष्कर खुल्बे, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री के इस निर्देश से यह स्पष्ट है कि उत्तराखंड सरकार आगामी चारधाम यात्रा को न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और संतुष्टि के लिहाज से भी बेहद सुव्यवस्थित और सफल बनाना चाहती है।