सिद्धबली मंदिर में श्रद्धालुओं की अटूट आस्था
Shri Siddhbali Temple located in Kotdwar, Uttarakhand is a major pilgrimage site for Hindu devotees.

उत्तराखंड के कोटद्वार स्थित श्री सिद्धबली मंदिर हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां भगवान हनुमान के पवित्र रूप में सिद्धबाबा विराजमान हैं, और इस मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं के साथ यहां आते हैं और बाबा से आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद मंदिर में भंडारे का आयोजन करते हैं। सिद्धबली मंदिर में श्रद्धा और आस्था का ऐसा अद्भुत संगम है कि यहां भंडारे की बुकिंग भी कई सालों तक फुल हो रही है।
सिद्धबली मंदिर में होने वाले भंडारे के आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण मंदिर प्रशासन को कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने पड़े हैं। खासकर भंडारे की तिथियां जो पहले कुछ महीनों तक फुल रहती थीं, अब कई सालों तक बुक हो चुकी हैं। सीता रसोई में 2032 तक भंडारे की तिथियां पूरी तरह से बुक हो चुकी हैं, वहीं करीब डेढ़ माह पूर्व शुरू की गई पार्वती रसोई में भी तिथियां 2026 तक पूरी हो गई हैं।
श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का यह उदाहरण मंदिर के भंडारे के आयोजन की बढ़ती मांग से स्पष्ट होता है। भक्त मंदिर में अपनी मनोकामनाओं को लेकर आते हैं और जब उनकी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं, तो वे प्रसाद रूप में भंडारा आयोजित करने का संकल्प लेते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और मंदिर प्रशासन ने इसके लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं।
सिद्धबली मंदिर में भंडारे का आयोजन एक पवित्र परंपरा मानी जाती है। भक्तों का मानना है कि जब वे यहां आकर भंडारा करते हैं, तो न केवल उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं, बल्कि उनका जीवन भी खुशहाल होता है। भंडारे का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज सेवा का भी एक बड़ा रूप है, क्योंकि इन आयोजनों के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद लोगों को मुफ्त भोजन मिलता है। यह परंपरा सिद्धबाबा के प्रति श्रद्धा और विश्वास को दर्शाती है, और इस प्रकार से सिद्धबली मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्र भी बन चुका है।
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सिद्धबली मंदिर का महत्व केवल भंडारे तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक स्थल भी है। मंदिर में गुरू गोरखनाथ का भी ऐतिहासिक संबंध है, जिन्होंने इस स्थान पर सिद्धि प्राप्त की थी। इस कारण भी मंदिर का आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है। भगवान हनुमान के रूप में यहां भक्तों की मनोकामनाओं का पूर्ति होती है, और सिद्धबाबा की कृपा से उनका जीवन समृद्ध और शांतिपूर्ण बनता है।