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उत्तराखंड सरकार की राजस्व प्राप्ति में बड़ी सफलता, 61% लक्ष्य हासिल

The Uttarakhand government has achieved significant success in revenue collection in the first eight months of the financial year 2024-25.

उत्तराखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले आठ महीनों में राजस्व प्राप्ति में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। राज्य के स्वयं के कर राजस्व का 61 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है, जो कि राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

उत्तराखंड सरकार ने इस वर्ष 27382 करोड़ रुपये के स्वयं के कर राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसमें से अब तक लगभग 16700 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है। यह आंकड़ा 61 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जो कि एक उत्साहजनक संकेत है। हालांकि, कुछ विभागों में अपेक्षित राजस्व वसूली में कमी देखी गई है, जैसे कि ऊर्जा और वन विभाग, जो अब तक अपने लक्ष्य का 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं कर पाए हैं।

विभागवार राजस्व प्राप्ति

राजस्व प्राप्ति की समीक्षा बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा प्राप्त आंकड़ों पर चर्चा की गई। बैठक में यह जानकारी सामने आई कि:

  1. आबकारी विभाग: आबकारी विभाग ने 4439 करोड़ रुपये के लक्ष्य में से 66 प्रतिशत वसूली की है, जो कि अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन है।
  2. स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन: इस विभाग ने 64 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है, जो सकारात्मक संकेत हैं।
  3. वाहन कर: वाहन कर के लिए 1550 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इसमें केवल 59 प्रतिशत राजस्व वसूल हुआ, जो अपेक्षाकृत कम है।
  4. खनन विभाग: खनन विभाग ने बजट अनुमानों के मुकाबले 69 प्रतिशत वसूली की है, जो एक अच्छा आंकड़ा है।
  5. ऊर्जा विभाग: ऊर्जा विभाग ने अब तक केवल 44 प्रतिशत राजस्व वसूल किया है, जो कि चिंताजनक है।
  6. वन विभाग: वन विभाग का प्रदर्शन सबसे कम रहा, जहां केवल 47 प्रतिशत राजस्व वसूला गया है।

अपर मुख्य सचिव वित्त, आनंद बर्द्धन ने सभी विभागों को राजस्व प्राप्ति में सुधार के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। खासतौर पर वन विभाग को आदेश दिए गए हैं कि वे प्रत्येक माह राजस्व प्राप्ति की समीक्षा करें और अगले चार महीने में कितनी वसूली की जाएगी, इसकी कार्ययोजना वित्त विभाग को सौंपें। इसके अलावा, राज्य कर विभाग को कर चोरी पर नियंत्रण पाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे कर चोरी की रोकथाम में मदद मिल सकती है और अधिक राजस्व की प्राप्ति हो सकती है।

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खनन विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे समाप्त हो रही लीज और क्लीयरेंस के मामलों को समय से नवीनीकरण के लिए आवेदन करें और नए क्षेत्रों में खनन की संभावनाओं का सर्वेक्षण करें। साथ ही, सभी मामलों को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कहा गया है। ऊर्जा विभाग को शहरी क्षेत्रों में प्रीपेड मीटर की कार्यवाही शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बिजली की बिलिंग क्षमता और राजस्व वसूली में वृद्धि हो सके।

अगली समीक्षा बैठक में ईको टूरिज्म, लीसा, और जड़ी-बूटी से समुचित राजस्व अर्जन पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रमुख सचिव वन की अध्यक्षता में विभागीय राजस्व अभिवृद्धि के लिए आंतरिक समीक्षा की जाएगी।

 

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