Dehradun-Mussoorie Ropeway: पर्यटकों के लिए शुरू होगी रोमांचक यात्रा
The work on the ropeway project between Dehradun and Mussoorie is progressing rapidly with the aim of promoting tourism in Uttarakhand.

Dehradun-Mussoorie Ropeway: उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देहरादून-मसूरी के बीच रोप-वे परियोजना का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस परियोजना के पूरा होने से पर्यटकों को देहरादून से मसूरी पहुंचने में महज 15 मिनट का समय लगेगा, और यह यात्रा न केवल जल्दी होगी बल्कि अत्यधिक रोमांचक और दृश्यात्मक रूप से अद्भुत भी होगी। यह परियोजना पर्यटन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगी और साथ ही पर्यटकों को जाम से मुक्ति भी प्रदान करेगी।
देहरादून और मसूरी के बीच यह रोप-वे परियोजना करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है। उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड के तहत मसूरी स्काइवार कंपनी को इस कार्य का जिम्मा सौंपा गया है। इस परियोजना के तहत, पर्यटक पुरकुल गांव से रोप-वे द्वारा यात्रा शुरू करेंगे और सीधे मसूरी के गांधी पार्क स्थित अपर टर्मिनल तक पहुंचेंगे। रोप-वे का एक मुख्य आकर्षण इसकी गति और सुगमता होगी। वर्तमान में, देहरादून से मसूरी पहुंचने में लगभग 1.5 से 2 घंटे का समय लगता है, लेकिन रोप-वे के चालू होने के बाद यह समय घटकर केवल 15 मिनट रह जाएगा। पर्यटक इस दौरान खूबसूरत हरे-भरे जंगलों, पहाड़ों और घाटियों के नजारों का आनंद ले सकेंगे।
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रोप-वे परियोजना के लोअर टर्मिनल का निर्माण पुरकुल गांव में किया जा रहा है। यहां पर पार्किंग और अन्य सुविधाओं का निर्माण भी जोरों पर चल रहा है। लगभग 10 मंजिला मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा दी जा रही है, जिसमें करीब 2,000 वाहनों को खड़ा किया जा सकेगा। इसके अलावा, पर्यटकों के लिए कैफेटेरिया, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था भी की जाएगी।
मसूरी में गांधी चौक के पास बन रहे अपर टर्मिनल के लिए एप्रोच सड़क का कार्य जारी है। इस टर्मिनल से पर्यटक सीधे मसूरी की माल रोड तक पहुंच सकेंगे, जो पर्यटन के लिहाज से एक प्रमुख स्थल है। यह टर्मिनल मसूरी के प्रमुख आकर्षणों को जोड़ने का कार्य करेगा, जिससे पर्यटन गतिविधियाँ और भी अधिक सक्रिय हो जाएंगी।
रोप-वे परियोजना से न केवल पर्यटकों को सुविधाजनक यात्रा का अवसर मिलेगा, बल्कि यह उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को भी एक नई दिशा देगा। जाम से मुक्ति मिलने के साथ-साथ पर्यटकों के लिए यह यात्रा और भी आकर्षक बन जाएगी। इसके अलावा, पर्यटन विभाग को मिलने वाले राजस्व में भी वृद्धि होने की संभावना है।